‘बढ़ी हुई कृषि उत्पाकदकता बढ़ाने के लिए मृदा की जांच और लक्षित उपज दृष्टिकोण’ पर क्षमता विकास कार्यक्रम

‘बढ़ी हुई कृषि उत्पाकदकता बढ़ाने के लिए मृदा की जांच और लक्षित उपज दृष्टिकोण’ पर क्षमता विकास कार्यक्रम

मृदा परीक्षण प्रतिक्रिया पर भाकृअनुप – अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के प्रौद्योगिकी हस्‍तांतरण कार्यक्रम के अंतर्गत दिनांक 7 मार्च, 2016 को गांव नगैरंगबाम, ब्‍लॉक हौरांग सबल, जिला – इम्‍फाल पश्चिम, मणिपुर में ‘बढ़ी हुई फसल उत्‍पादकता बढ़ाने के लिए मृदा परीक्षण एवं लक्षित उपज दृष्टिकोण’ विषय पर एक प्रक्षेत्र दिवस एवं क्षमता विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन जनजातीय किसानों के बीच उन्‍नत फसल उत्‍पादकता के लिए मृदा जांच के आधार पर उर्वरकों का प्रयोग करने के महत्‍व को लोकप्रिय बनाने के लिए किया गया।

Capacity building programme on     Capacity building programme on

डॉ. प्रदीप डे, परियोजना समन्‍वयक (एसटीसीआर) ने विशेषकर चावल – मसूर फसलचक्र प्रणाली में फसल उत्‍पादकता में सुधार लाने और मृदा स्‍वास्‍थ्‍य को बनाये रखने के लिए  मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना तथा लक्षित उपज दृष्टिकोण के बारे में विस्‍तार से बताया।

डॉ. एन. प्रकाश, संयुक्‍त निदेशक, उत्तर-पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र के लिए भाकृअनुप अनुसंधान परिसर, मणिपुर केन्‍द्र, इम्‍फाल ने आईपीएनएस आधारित एसटीसीआर दृष्टिकोण के तौर पर जैविकों तथा जैव उर्वरकों का प्रयोग करने पर बल दिया।

इस कार्यक्रम में इम्‍फाल पश्चिम जिले के पांच गांवों यथा खूमबांग, मोइदांगपोक, मकलांग तथा कामोंग एवं करोंग की 17 कृषिरत महिलाओं सहित 35 किसानों ने भाग लिया।

(स्रोत : मृदा परीक्षण प्रतिक्रिया पर भाकृअनुप – अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना, भाकृअनुप – भारतीय मृदा विज्ञान संस्‍थान, भोपाल)

 

 

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