स्वासस्य्मा एवं रोग में माइक्रोबिओम पर अंतर्राष्ट्री य संगोष्ठीक

स्वासस्य्मा एवं रोग में माइक्रोबिओम पर अंतर्राष्ट्री य संगोष्ठीक

भाकृअनुप – राष्‍ट्रीय पशु पोषण एवं शरीरक्रिया विज्ञान संस्‍थान, बेंगलुरू द्वारा दिनांक 23 – 25 फरवरी, 2016 के दौरान ‘स्‍वास्‍थ्‍य एवं रोग में माइक्रोबिओम पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्‍ठी’ का आयोजन किया गया।

डॉ. कालीदास शेट्टी, एसोसिएट उपाध्‍यक्ष, अंतर्राष्‍ट्रीय भागीदारी एवं सहयोग तथा  प्रोफेसर (पादप उपापचय एवं खाद्य सुरक्षा), नार्थ डैकोटा स्‍टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए ने अपने प्रमुख संबोधन में बताया कि किस प्रकार लाभदायक माइक्रोबिओम के लिए बढ़ी हुई विविधता वाली किण्वित खाद्य प्रणालियों से ग्‍लोबल खाद्य और पोषणिक चुनौतियों का सामना करने में अनूठे प्रसंस्‍करण तथा पोषणिक समाधान मिल सकते हैं।

 International Symposium on Microbiome in Health and Disease

डॉ. श्रीनि वी. कावेरी, निदेशक, इम्‍यूनोपैथोलॉजी एंड थिराप्‍यूटिक इम्‍यूनोइन्‍टरवेन्‍शन, सेन्‍टर दि  रिचर्चे डेस कॉर्डेलियर्स, फ्रान्‍स ने ऑटो इम्‍यून रोगों की रोगजनता के आणविक और सेलुलर आधार को समझने और नवीन चिकित्‍सीय रणनीतियों की डिजाइन तैयार करने में आंत के सूक्ष्म जीवों और परपोषी रोग प्रतिरोधक प्रणाली के बीच पारस्‍परिकता को जांचने की जरूरत पर बल दिया।

इस संगोष्‍ठी में कुल 170 प्रतिनिधियों  ने भाग लिया जिनमें 11 अंतर्राष्‍ट्रीय, नौ राष्‍ट्रीय वक्‍ता और रोजलिन संस्‍थान, इडिनबर्ग यूनिवर्सिटी एवं कॉमनवैल्‍थ वेटेरीनिरी एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल थे।

सिफारिशें :

  • अवरोधित परपोषी सम्‍बद्धता वाली सूक्ष्‍मजीव पारिस्थितिकी से स्‍तनधारी रोग प्रतिरोधी प्रणाली, ऑटो इम्‍यून रोगों, मेटाबोलिक विकृतिमें गडबड़ी पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। डिसबायोसिस वारन्‍ट्स सघन अनुसंधान को सुधारने के लिए विस्‍तृत समझ की जरूरत है।
  • एनजीएस (अगली पीढ़ी अनुक्रमण) प्रौद्योगिकी द्वारा मेटाजीनोम लक्षण वर्णन के माध्‍यम से माइक्रोबिओम विश्‍लेषण में अनुप्रयोग करने की बेहतर संभावनाएं हैं। एमजीडब्‍ल्‍यूएएस (मेटाजीनोम वाइड एसोसिएशन स्‍टडीज) के माध्‍यम से माइक्रोबिओम आधारित नैदानिकी पशुओं तथा मानव में विशिष्‍ट शरीरक्रिया विज्ञान परिस्थितियों और रोग के साथ सम्‍बद्ध मार्करों की पहचान करने हेतु अगली पीढ़ी के शक्तिशाली साधन हैं।   

    (स्रोत : भाकृअनुप – राष्‍ट्रीय पशु पोषण एवं शरीरक्रिया विज्ञान संस्‍थान, बेंगलुरू) 

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