भाकृअनुप – केन्द्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान (CITH), श्रीनगर तथा हॉर्टीकल्चर सोसायटी ऑफ इंडिया, नई दिल्ली ने संयुक्त रूप से ‘शीतोष्ण फलों तथा गिरीदार फलों पर उत्पादकता तथा गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए एक भावी दिशा’विषय पर दिनांक 6 से 9 नवम्बर, 2015 को भाकृअनुप – केन्द्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान (CITH), ओल्ड एयर फील्ड, रंगरेठ, श्रीनगर में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया ।
जम्मू व कश्मीर राज्य के माननीय बागवानी, हज एवं जलजीव पालन मंत्री एवं समारोह के मुख्य अतिथि जनाब अब्दुल रहमान वीरी ने बागवानी उद्योग की बेहतरी के लिए वैज्ञानिक विचार-विमर्श की भूमिका पर बल दिया। इन्होंने उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए अधिक पैदावार देने वाली तथा बेहतर गुणवत्ता वाली किस्मों को प्रारंभ करने का महत्व बताया। माननीय मंत्री महोदय ने वैज्ञानिकों को परागण रणनीतियों, बागवानी तथा पार्किंग प्रणाली और शीत भण्डारण आदि पर कार्य करने की सलाह दी।
जनाब सैय्यद एम.ए. बुखारी, माननीय सार्वजनिक कार्य, पुष्पविज्ञान, पार्क व बगीचे मंत्री, जम्मू व कश्मीर राज्य ने सेब की उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र को पुन: नया स्वरूप देने पर बल दिया।
डॉ. एन.के. कृष्ण कुमार, उपमहानिदेशक (बागवानी विज्ञान), भाकृअनुप ने बागवानी क्षेत्र द्वारा की गई मौन क्रान्ति का जिक्र किया और पोषणिक सुरक्षा में इसके प्रमुख योगदान के बारे में बताया।
डॉ. असगर समून, डिविजनल कमिश्नर, कश्मीर डिविजन ने इस उद्योग में सार्थक परिणामों के लिए प्रौद्योगिकीय समर्थन के साथ भावी रणनीतियों की आवश्यकता पर बल दिया।
इससे पूर्व, डॉ. के.एल. चड्ढ़ा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय आयोजन समिति और अध्यक्ष, हॉर्टीकल्चर सोसायटी ऑफ इंडिया ने अपने प्रारंभिक उदबोधन में शीतोष्ण फल तथा गिरीदार फल उद्योग, अनुसंधान व विकास की बुनियादी सुविधाओं, फसल सुधार की रणनीतियों और मूलवृन्त को अपनाने आदि के स्थिति के बारे में जानकारी दी।
इस सम्मेलन में भारत के विभिन्न शीतोष्ण बागवानी राज्यों से कुलपतियों, निदेशकों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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