27 अक्तूबर, 2015
आज भाकृअनुप – केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (CIAE), भोपाल में ‘स्वरोजगार अवसरों के लिए कस्टम हायरिंग के माध्यम से फार्म मशीनीकरण तथा उद्यमशीलता हेतु उन्नत कृषि मशीनरी’विषय पर दिनांक 27 अक्तूबर से 3 नवम्बर, 2015 को एक मॉडल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाया गया। इस कार्यक्रम को कृषि एवं सहकारिता विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने प्रायोजित किया।
डॉ. बी.एस. बिष्ट, पूर्व कुलपति, जीबीपीयूए एंड टी, पंतनगर ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का विषय अत्यंत प्रासंगिक, समयानुकूल तथा प्रसार के क्षेत्र में कार्यरत प्रसार कार्मिकों और पेशेवरों तथा साथ ही सामान्यत: आधुनिक कृषि तथा विशेषकर कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए उपयोगी है। इन्होंने कहा कि किसानों की अधिक आमदनी के लिए उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की जरूरत है।
डॉ. के.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप – केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (CIAE), भोपाल ने अधिक उत्पादकता और लाभप्रदता के लिए बढ़ी हुई फार्म पॉवर उपलब्धता की जरूरत पर बल दिया। इन्होंने कहा कि कृषि मजदूरों की कमी को देखते हुए कृषि में मशीनीकरण अत्यंत महत्वपूर्ण है और कृषि मशीनरी की कस्टम हायरिंग से किसानों तथा उद्यमियों दोनों को लाभ मिलता है।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य उद्यमशीलता के माध्यम से अधिक उत्पादन और आय के सृजन हेतु आद्यतन कृषि अभियांत्रिकी प्रौद्योगिकियों पर विभिन्न राज्यों के प्रसार कार्मिकों के बीच जागरूकता का सृजन करना और इन प्रौद्योगिकियों की शुरूआत करना था।
इस कार्यक्रम में 11 राज्यों के लगभग 21 प्रसार अधिकारियों ने भाग लिया।
(स्रोत : भाकृअनुप – केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (CIAE), भोपाल)
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