‘मछली उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए मेटाजेनोमिक्स व माइक्रोबियोम्स के प्रयोग’ पर विचार मंथन

‘मछली उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए मेटाजेनोमिक्स व माइक्रोबियोम्स के प्रयोग’ पर विचार मंथन

'मछली उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए मेटाजेनोमिक्स व माइक्रोबियोम्स के प्रयोग पर' 21 जून, 2016 को भाकृअनुप-सीफा, भुबनेश्वर में विचार मंथन बैठक का आयोजन किया गया।

Brainstorming on

डॉ. पी. जयशंकर, निदेशक, भाकृअनुप-सीफा ने मेटाजेनोमिक्स व माईक्रोबियोम्स के द्वारा मछलियों की तेज वृद्धि, बेहतर प्रतिरोधी क्षमता व रोगरोधी गुणों में बढ़ोतरी की चर्चा की। इससे मछलियों के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि होती है जिससे किसानों को अधिक आय प्राप्त होती है।

अनुशंसाएं:

  • मछली पालन कीट जलाशय पद्धति में पोषक – पादप प्लवक (फाइटोप्लेंकटन) श्रृंखला की भूमिका
  • अधिक व कम उत्पादकता वाले जलजीव पालक तालाबों के बारे में आधारभूत जानकारी एकत्रित करना
  • ताजा जलजीव पालन प्रणाली में प्रोबायोटिक्स की तकनीकी व आर्थिक प्रभावकारिता का अध्ययन
  • ताजा जल प्रणाली में माइक्रोकाज्म व मेसोकाज्म पोषण गतिकी का अध्ययन
  • माइक्रोबियोम विविधता और जलाशय स्वास्थ्य की प्रतिकूलता में मृदा-जल इंटरफेस पर अनुसंधान
  • जलजीव पालन में मेटाजेनोमिक्स, माइक्रोबियोम्स और इनके प्रयोग संबंधी अध्ययन सामग्री की समीक्षा
  • परियोजना मोड में अंतरविभागीय संस्थानिक अध्ययन

(स्रोतः भाकृनुप- केन्द्रीय ताजा जल जलजीव पालन संस्थान, भुबनेश्वर)

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