संवाद और सह-शिक्षा व पर आधारित " विज्ञान में दर्शन, विधि और नैतिकता" विषय पर कार्यशाला व प्रशिक्षण कार्यक्रम 26-28 मई, 2016 को भाकृअनुप – केन्द्रीय मीठाजल जलजीवपालन, भुबनेश्वर और भाकृअनुप- केन्द्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, कोच्चि के तकनीकी सहयोग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य संस्थान के युवा वैज्ञानिकों की दक्षता बढ़ाना था।
डॉ. पी. जयशंकर, निदेशक, भाकृअनुप – सीफा, भुवनेश्वर ने अपने उद्घाटन भाषण में इस बात पर जोर दिया कि जीवन की सफलता में व्यक्ति की सोच सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने याद दिलाया कि वैज्ञानिकों को चुनौतीपूर्ण स्थितियों से निपटने के लिए हमेशा सहनशील और नवोन्मेषी होना चाहिए।
इस कार्यशाला व प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न प्रासंगिक एवं उपयोगी विचार बिन्दु जैसे, स्वयं को जानना, रचनात्मकता और सृजन, समीक्षात्मक एवं तार्किक सोच, पद्धति विचार, विधि विचार, विज्ञान में दर्शन, विधि और नैतिकता" शामिल थे।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्थान के युवा वैज्ञानिकों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप - केन्द्रीय मीठाजल जलजीव पालन संस्थान, भुबनेश्वर)
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