राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और गुजरात के 24 केवीके प्रशिक्षकों को दक्षता निर्माण कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय ‘दक्षता विकास पर दिशानिर्देश प्रशिक्षण’ विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भाकृअनुप – कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), जोधपुर द्वारा भारतीय कृषि दक्षता परिषद (एएससीआई) के सहयोग से आयोजित किया जाएगा।
डॉ. वी.पी. चहल, सहायक महानिदेशक (कृषि विस्तार), नई दिल्ली, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर 100 केवीके को एएससीआई से जोड़ा गया है तथा प्रशिक्षकों को एएससीआई द्वारा प्रमाणपत्र भी प्रदान किए जायेंगे।
डॉ. एस.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप – अटारी, जोधपुर ने अपने संबोधन में कृषि क्षेत्र में दक्षता विकास में मानव संसाधन विकास के महत्व के बारे में चर्चा की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण का महत्व सर्वोच्च है ताकि किसानों को प्रभावशाली तरीके से प्रशिक्षित किया जा सके। इसके परिणामस्वरूप वर्तमान उत्पादन और उत्पादन संभावना के बीच अंतर को कम किया जा सकता है।
श्री कमल सोढी, निदेशक, एएससीआई ने अपने संबोधन में क्षमता निर्माण के प्रमुख पहलुओं: उद्योग, उत्पादन और रोजगार आधारित दक्षता विकास पर चर्चा की।
केवीके, विस्तार शिक्षण संस्थान और डैक (एमओए) से कुल 75 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। भाकृअनुप – अटारी, जोधपुर, भाकृअनुप – अटारी, कानपुर के वैज्ञानिक तथा कर्मचारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
(स्रोतः भाकृअनुप – अटारी, जोधपुर)
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