उत्तर-पूर्वी पर्वतीय क्षेत्रों के लिए भाकृअनुप अनुसंधान परिसर, नगालैंड केन्द्र तथा केवीके, दीमापुर के संयुक्त प्रयास से ‘वैज्ञानिक विधि से शूकर एंव मुर्गी पालनः उत्तर-पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र में उद्यमशीलता विकास की राह’ विषय पर चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 15-18 नवम्बर, 2016 को किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम असम के कर्बी आंगलोंग जिले तथा नगालैंड के वोखा, कोहिमा और दिमापुर जिले के किसानों के लिए भाकृअनुप नगालैंड केन्द्र, झरनापानी में आयोजित किया गया।
सुश्री सारा जमीर, अतिरिक्त उपायुक्त, मेद्जीफेमा, नागालैंड, समारोह की मुख्य अतिथि ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नगालैंड केंद्र के प्रयासों विशेष रूप से नगालैंड में और उत्तर-पूर्व में कृत्रिम गर्भाधान और मुर्गी पालन प्रौद्योगिकी में सुधार को बढ़ावा देने के लिए सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने शूकर मांस उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए वैज्ञानिक शूकर पालन को अपनाने पर बल दिया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि द्वारा एक सप्ताह की आयु वाले ‘वनराज’ किस्म के चूजे प्रतिभागियों को वितरित किये गये।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में 25 जनजातीय किसानों के भाग लिया।
(स्रोतः उत्तर-पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र के लिए भाकृअनुप अनुसंधान परिसर, नगालैंड केन्द्र)
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