‘समृद्ध कृषि के लिए किसान नवाचार’ पर अभिनव किसानों की बैठक का हुआ आयोजन

‘समृद्ध कृषि के लिए किसान नवाचार’ पर अभिनव किसानों की बैठक का हुआ आयोजन

30 जनवरी, 2020 - 1 फरवरी, 2020, कोल्हापुर, महाराष्ट्र

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे ने 30 जनवरी से 1 फरवरी, 2020 तक कृषि विज्ञान केंद्र, कोल्हापुर, महाराष्ट्र में ‘समृद्ध कृषि के लिए किसान नवाचार’ विषय के साथ तीन दिवसीय ‘अभिनव किसान बैठक - 2020' का आयोजन किया।

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डॉ. ए. के. सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप ने अपने उद्घाटन संबोधन में फसलों के लिए प्रमाणित आदानों के सुरक्षित उपयोग, प्राकृतिक संसाधन और गाय आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बनाए रखने पर अपनी चिंताएँ व्यक्त की। डॉ. सिंह ने लाभकारी कीटों की संख्या को बनाए रखते हुए खेती के लिए गुणवत्ता वाले माइक्रोबियल उपभेदों और सूत्रीकरण का उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने गाँवों में नियमित आय के लिए विभिन्न उद्यम आधारित मॉडल विकसित कर ग्रामीण युवाओं को कृषि में आकर्षित करने और बनाए रखने का आग्रह किया।

उप महानिदेशक ने उच्च लाभ के लिए एकीकृत कृषि प्रणालियों, संरक्षित खेती, उच्च तकनीक बागवानी, प्रसंस्करण एवं मूल्य-संवर्धन और कृषि आधारित उद्यमों को बढ़ावा देने की राय दी। उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए खेती के अनुकरणीय और टिकाऊ मॉडल विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने किसान उत्पादन संगठनों के साथ जुड़े वस्तु और समुदाय आधारित समूह खेती पर किसानों के लिए एकत्रीकरण मॉडल के विकास पर जोर दिया, ताकि किसानों को समृद्ध बनाया जा सके।

डॉ. एम. बी. चेट्टी, उप-कुलपति, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़ ने कृषि विज्ञान केंद्रों से आग्रह किया कि वे किसानों की अधिक संख्या को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करें तथा बाजार के नेतृत्व वाले नवाचारों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण उत्पादन और संवर्धन करें।

डॉ. के. पी. विश्वनाथ, कुलपति, महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरी ने ग्रामीण युवाओं को व्यवसाय की अवधि में उनकी बढ़ती भागीदारी और भविष्य की संभावनाओं के साथ भारतीय कृषि के प्रमुख चालक के रूप में माना। उन्होंने किसानों के उत्पादों की सुनिश्चित बाजार कीमतों के साथ उनकी आय दोगुनी करने पर जोर दिया।

डॉ. लाखन सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, पुणे ने व्यावसायीकरण और अन्य किसानों द्वारा उनके उचित उपयोग के लिए विभिन्न नवाचारों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने अभिनव किसानों को औपचारिक और अनौपचारिक शिक्षा के बीच की कड़ी बताया। डॉ. सिंह ने पारंपरिक ज्ञान के लिए विभिन्न नवाचारों का दस्तावेजीकरण करने पर जोर दिया। उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में खेती के और अधिक मॉडल विकसित करने के लिए केवीके और किसानों से आग्रह किया।

श्री अदृश्य कदसिद्धेश्वर स्वामी जी, अध्यक्ष, श्री सिद्धगिरी-कृषि विज्ञान केंद्र, कनेरी, कोल्हापुर ने अभिनव किसान बैठक - 2020 के कार्यक्रम और अन्य किसानों के लिए इसकी सार्थकता के बारे में जानकारी दी।

बैठक में करीब 1,000 किसानों व अन्य विस्तार अधिकारियों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र)

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