7 फरवरी, 2019, देहरादून
भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून ने आज 4 महीने के 119 वें बैच के लिए 'मृदा और जल संरक्षण और जल-विभाजक प्रबंधन' पर सर्टिफिकेट कोर्स समारोह का आयोजन किया। इस चार महीने (8 अक्टूबर, 2018 से 7 फरवरी, 2019) के कार्यक्रम को संस्थान के मुख्यालय, देहरादून में आयोजित किया गया था।
श्री अरुण सिंह रावत, आई एफ एस, निदेशक, एफ आर आई, देहरादून ने मुख्य अतिथि के तौर पर अपने संबोधन में भारत में मिट्टी और जल संरक्षण की समस्या के महत्त्व और विशालता पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने 119 वीं बैच के अधिकारी प्रशिक्षुओं से क्षेत्र स्तर पर प्रशिक्षण के ज्ञान में मदद करने के लिए उत्साह और जोश के साथ इस मुद्दे को संबोधित करने का आग्रह किया।
श्री अरुण सिंह रावत ने मेरिट धारकों को प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए योग्यता प्रमाण पत्र प्रदान किया।
इस अवसर के दौरान, पंजाब के श्री अंकित कुमार ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए समग्र योग्यता प्रमाण-पत्र प्राप्त किया और मृदा और जल संरक्षण अभियांत्रिकी, भूमि अवक्रमण के नियंत्रण और स्थानीय परियोजना के लिए मृदा प्रबंधन में अपने प्रदर्शन के लिए योग्यता प्राप्त की।
श्री अंकित कुमार और सुश्री शमिंदरजीत कौर ने संयुक्त रूप से कृषि विज्ञान संरक्षण के लिए योग्यता प्रमाण पत्र प्राप्त किया, जबकि वानिकी संरक्षण योग्यता प्रमाणपत्र के लिए संयुक्त रूप से श्री अंकित कुमार और सुश्री सीमा को सम्मानित किया गया। एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन श्रेणी के लिए श्री परमिंदर सिंह और सुश्री सीमा को जबकि श्री गुलाम जिलानी जरगर और सुश्री नवप्रीत राठौर को स्टडी टूर के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
डॉ. पी. आर. ओजस्वी, निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून ने अपने संबोधन में प्रशिक्षण संगठन के रूप में संस्थान के ब्रांड मूल्य को रेखांकित किया। उन्होंने अधिकारी प्रशिक्षुओं से विनाश और सृजन के बीच संतुलन बनाने का आग्रह किया जो प्रकृति के दो चरम हैं और इन दो महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के लिए प्रयास करें।
डॉ. बाँके बिहारी, प्रमुख, एचआरडी & एसएस डिवीजन ने चार महीने के सर्टिफिकेट कोर्स की समग्र प्रशिक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रशिक्षण कार्यक्रम का मॉड्यूल 47% व्यावहारिक और 53% सैद्धांतिकी पर आधारित है।
प्रतिक्रिया सत्र के दौरान, प्रतिभागियों ने इस तरह के सफल प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन के लिए संस्थान के प्रयासों की सराहना की। प्रतिभागियों ने पाठ्यक्रम में सुधार के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव भी दिए।
पाँच राज्यों (पंजाब -11; जम्मू और कश्मीर -6; अरुणाचल प्रदेश -2; मध्य प्रदेश -1; उत्तराखंड -5) का प्रतिनिधित्व करने वाले कुल 25 अधिकारियों ने कार्यक्रम में अपनी भागीदारी दर्ज की।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून)
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