फार्म कार्यान्वयन और मशीनरी पर एआईसीआरपी की कार्यशाला

फार्म कार्यान्वयन और मशीनरी पर एआईसीआरपी की कार्यशाला

महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ (एम पी के वी), राहुरी में 8-10 जनवरी, 2019 के दौरान फार्म कार्यान्वयन और मशीनरी पर एआईसीआरपी के 33वें कार्यशाला का आयोजन किया गया।

डॉ. के. पी. विश्वनाथ, कुलपति, एम पी के वी, राहुरी ने अपने उद्घाटन भाषण में स्थायी मशीनीकृत समाधान देने में अन्य संबंधी विषयों के वैज्ञानिकों के साथ सहयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कृषि परिवारों की तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए छोटे तकनीकों और उपकरणों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

डॉ. कंचन कुमार सिंह, सहायक महानिदेशक (एफ. इंजी.), भाकृअनुप, कार्यशाला के अध्यक्ष और सम्मानित अतिथि ने मशीनीकरण से संबंधित गतिविधियों और भाकृअनुप की वर्तमान प्राथमिकताओं को मजबूत करने के लिए संबंधित प्रभाग द्वारा उठाए जा रहे आवश्यक कदमों पर प्रकाश डाला।

डॉ. के. के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल ने सम्मानीय अतिथि के तौर पर अपने संबोधन में वर्तमान संदर्भ में काम को मशीनीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया और प्रौद्योगिकियों के वितरण में अपने प्रयासों में तेजी लाने के लिए परियोजना के पी आई से आग्रह किया।

डॉ. वी. एम. मायांडे, पूर्व कुलपति, डॉ. पी डी के वी, अकोला भी इस अवसर पर अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

डॉ. सी. आर. मेहता, परियोजना समन्वयक, (AICRP on FIM ) ने योजना के विभिन्न केंद्रों द्वारा किए गए कार्य की प्रगति पर परियोजना समन्वयकों की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

डॉक्टर अण्णासाहेब शिंदे कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय एम पी के वी, राहुरी में एक फार्म मशीनरी प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी।

समन्वय सेल द्वारा संकलित “रिसर्च हाइलाइट्स ... 2018”, “खेतीबाड़ी में प्रयुक्त होनेवाली ऊर्जा कुशल मशीनरी” पर एक सीडी, एक तकनीकी बुलेटिन, फार्म मशीनरी निर्माताओं की एक निर्देशिका, तीन सफलता की कहानियाँ और तीन पत्रक भी सत्र के दौरान जारी किए गए।

एआईसीआरपी का मुख्य उद्देश्य शोधकर्ताओं, ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी निर्माताओं और नीति निर्माताओं के बीच बातचीत के लिए एक मंच प्रदान करना था।

कार्यशाला में विभिन्न एसएयू (SAUs) और भाकृअनुप संस्थानों, कृषि मशीनरी निर्माताओं आदि से अनुसंधान और विकास संगठनों के लगभग 75 प्रतिभागियों ने अपना पंजीकरण करवाया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान)

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