ग्रामीण कुक्कुट उत्पादन के लिए समुदाय आधारित मिनी इनक्यूबेटर – अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए एक सतत संसाधन

ग्रामीण कुक्कुट उत्पादन के लिए समुदाय आधारित मिनी इनक्यूबेटर – अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए एक सतत संसाधन

ग्रामीण कुक्कुट पालन द्वारा अंडे और मांस की बिक्री, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए एक लाभदायक उद्यम माना जाता है। लगभग 75% किसान परिवार अपने बैकयार्ड में 6 से 12 ग्रामीण पक्षी रखते हैं। ग्रामीण पक्षी प्रति वर्ष प्रति मुर्गी 40 से 80 अंडे पैदा करते हैं, जिसमें से 31% परिवार द्वारा उपभोग किया जाता है, 57% बेचा जाता है और केवल 12% अंडे सेने के उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।

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ब्रोडी मुर्गियाँ स्टॉक के गुणन के लिए उपयोग की जाती हैं। ग्रामीण कुक्कुट उत्पादन का पूरा प्रबंधन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। यह महिलाओं और ग्रामीण पोल्ट्री के महत्वपूर्ण संबंधों और ग्रामीण कृषक समुदाय की आजीविका सुरक्षा का समर्थन करने में इसकी भूमिका को रेखांकित करता है। तथापि, ग्रामीण कुक्कुट चूजों की अनुपलब्धता को द्वीपों में ग्रामीण कुक्कुट पालन की प्रगति के प्रमुख बाधकों में से एक माना जाता है। इसके अलावा, द्वीपों में ग्रामीण कुक्कुट चूजों के लिए कोई वाणिज्यिक आपूर्तिकर्ता नहीं है।

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द्वीपों में ग्रामीण कुक्कुट चूजों की अनुपलब्धता के मुद्दे को संबोधित करने के लिए, भाकृअनुप-केंद्रीय द्वीप कृषि अनुसंधान संस्थान, पोर्ट ब्लेयर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ने मिनी इनक्यूबेटर-सह-हैचर का उपयोग करके "किसानों द्वारा किसानों के लिए" के विचार की अवधारणा के लिए चूजों के निरंतर उत्पादन और आपूर्ति कराना है।

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संस्थान ने ग्रामीण महिलाओं के लिए उर्वर अंडे के चयन, उर्वर अंडों की सफाई और स्वच्छ संचालन, मिनी इनक्यूबेटर के संचालन और ग्रामीण चिकन उत्पादन प्रथाओं में सुधार के वैज्ञानिक पैकेज पर ग्रामीण महिलाओं के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम और प्रदर्शन की एक श्रृंखला भी आयोजित की गयी। भाकृअनुप-सीआईएआरआई, पोर्ट ब्लेयर ने मिनी इनक्यूबेटर के कामकाज पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और मिनिकॉय, लक्षद्वीप के 25 गांवों में कुल 2,202 किसानों को प्रशिक्षण दिया।

डीबीटी-बायोटेक किसान हब परियोजना के तहत समुदाय आधारित प्रदर्शन के एक भाग के रूप में, दक्षिण अंडमान और उत्तर और मध्य अंडमान जिलों के विभिन्न गांवों में कुल 7 मिनी इनक्यूबेटर-सह-हैचर इकाइयां (240 अंडे क्षमता) स्थापित की गईं। तीन इकाइयां भी भाकृअनुप-सीआईएआरआई, पोर्ट ब्लेयर, केवीके, सिप्पीघाट और क्षेत्रीय स्टेशन, मिनिकॉय, लक्षद्वीप में ऊष्मायन सुविधा के रूप में स्थापित की गई थीं। ग्रामीण कुक्कुट चूजों के सतत उत्पादन और वितरण के लिए किसानों के बीच बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज स्थापित किया गया था। उन्हें अन्य किसानों के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग का प्रसार करने के लिए प्रदर्शन कार्यक्रमों के साथ-साथ एक्सपोजर विज़िट भी प्रदान किए गए थे।

पांच सफल ग्रामीण महिलाएं, दक्षिणी अंडमान से, श्रीमती. जोयशाना, श्रीमती. मीनाक्षी, श्रीमती. रानी अंबुमलर और श्रीमती बिनीता सिंह मध्य अंडमान से श्रीमती असीमा रॉय ने हैचिंग के लिए मिनी इन्क्यूबेटर पर माइक्रो एंटरप्राइज की शुरुआत की और ग्रामीण कुक्कुट चूजों को व्यावसायिक तरीके से बेचना शुरू किया। 2 वर्षों की अवधि में, 650 कृषि महिलाओं सहित लगभग 1,000 किसानों ने अपने स्वयं के चूजों को निकालने के लिए मिनी इनक्यूबेटर सुविधा की सेवाओं का उपयोग किया है। गोद लिए गए किसानों ने अन्य किसानों को लगभग 25,000 चूजों और बत्तखों के बच्चों का सफलतापूर्वक उत्पादन और वितरण किया गया।

प्रौद्योगिकी का क्षैतिज प्रसार युवा ग्रामीण किसानों में से एक के रूप में देखा जा सकता है, उत्तर और मध्य अंडमान जिले के श्री कमल विश्वास ने 6,000 अंडे की क्षमता के मध्यम पैमाने के 2 इनक्यूबेटर खरीदे और बत्तख के अंडे सेने और बेचने पर अपना व्यवसाय शुरू किया। अब तक, कुल 15 कृषि महिलाओं और बेरोजगार युवाओं ने 80 से 250 अंडे की क्षमता वाले अपने मिनी इनक्यूबेटर स्थापित किए हैं और ग्रामीण पोल्ट्री चूजों का उत्पादन शुरू कर दिया है।

कृषि महिला सूक्ष्म-उद्यमियों को मिनी इन्क्यूबेटर के साथ हैचिंग सुविधा के माध्यम से, ग्रामीण कुक्कुट चूजों के लिए उनका अपना स्थायी संसाधन और ग्रामीण पक्षियों और अंडों की निरंतर बिक्री से 11,000 से 13,000 रुपये की मासिक शुद्ध आय मिल रही है। शुद्ध आय उनकी पिछली मासिक आय से कई गुना अधिक है।

मिनी इन्क्यूबेटर के माध्यम से उद्यमिता उनके परिवारों के लिए एक स्थायी आजीविका संसाधन बन गया है।

मिनी इनक्यूबेटर तकनीक को अपनाने के बाद सफल महिला किसानों के कृषि अर्थशास्त्र :

 

मिनी इनक्यूबेटर (240 अंडे क्षमता वाले) के साथ औसत हैचिंग प्रतिशत

85%

प्रतिवर्ष हैच किये गये चूजों की संख्या

2,448

आय (रु.)

एक दिन वाले चूजों की बिक्री (70 रु. प्रत्येक चूजा x 80 चूजे प्रत्येक महीना X 12 माह)

Rs. 67,200.0

अंडे के लिए इनक्यूबेशन सुविधा देने के बाद (रु.) ( प्रत्येक अंडा 20 रु. X

 90 अंडे प्रत्येक महीना x 12 महीने)

Rs. 21,600.0

टेबल उद्देश्य के लिए पक्षियों की बिक्री (540 नॉस प्रत्येक वर्ष x 1.5 किलो प्रत्येक पक्षी x

520 रु. प्रति किलो ग्राम)

Rs. 42,1200.0

खर्च (रु.)

हैचिंग योग्य अंडे, बिजली, सैनिटाइज़र, चारा आदि के खरीद की लागत

Rs. 3,50,640.0

कुल वार्षिक लाभ

Rs. 1,59,360.0

कुल मासिक लाभ

Rs. 13,280.0

 

(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय द्वीप कृषि अनुसंधान संस्थान, पोर्ट ब्लेयर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह)

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