कटक, 11 अक्टूबर 2010
धान के विशेष संदर्भ में ‘पादप किस्मों का संरक्षण और किसान अधिकार अधिनियम 2001’ विषय पर केंद्रीय धान अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई), कटक में सोमवार को एक प्रशिक्षण व जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय कार्यक्रम में किसान संगठनों, विद्यार्थियों, गैर-सरकारी संगठनों, उड़ीसा के विभिन्न कृषि विज्ञान केद्र के प्रशिक्षण संगठनों और उड़ीसा कृषि राज्य विभागों के सदस्यों सहित 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान सीआरआरआई के प्रधान वैज्ञानिकों और अधिनियम विशेषज्ञों ने पीपीवी और एफआर अधिनियम 2001, पादप किस्म संरक्षण और बीज कानूनों, किस्मों के पंजीकरण की प्रक्रियाओं और अन्य संबंधित महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रशिक्षण प्रदान किया। इस क्षेत्र में विशेष रुचि रखने वाले उड़ीसा के कई जिलों के किसानों को ‘किसान अधिकार और पादप किस्म पंजीकरण रणनीति’ के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
इससे पूर्व डॉ. टी. के. आध्या, निदेशक, सीआरआरआई ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कार्यक्रम की महत्ता को बताते हुए किसानों को उनके अधिकारों से अवगत कराया। इसके साथ ही उन्होंने धान की किस्मों के संरक्षण के विषय में भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में इस अधिनियम के माध्यम से किसानों को वर्तमान किस्मों के लिए आवेदन प्रस्तुत करने के लिए किस्मों और कार्य योजना के पंजीकरण के बारे में जानकारियां दी गईं, जो इनके लिए आगे अति महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
(स्रोत- एनएआईपी सब-प्रोजेक्ट मास-मीडिया मोबिलाइजेशन, दीपा )
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