पीएचईटी पर एआईसीआरपी की 39वीं वार्षिक कार्यशाला संपन्न

पीएचईटी पर एआईसीआरपी की 39वीं वार्षिक कार्यशाला संपन्न

15 मार्च 2024, लुधियाना

पोस्ट-हार्वेस्ट इंजीनियरिंग तथा प्रौद्योगिकी पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की 39वीं वार्षिक कार्यशाला भाकृअनुप-केन्द्रीय कटाई उपरान्त अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना में संपन्न हुई। यह 3 दिवसीय कार्यशाला 13- 15 मार्च, 2024 तक आयोजित की गई थी।

39th Annual Workshop of AICRP on PHET concludes  39th Annual Workshop of AICRP on PHET concludes

मुख्य अतिथि, डॉ. एस.एन. झा, उप-महानिदेशक (कृषि इंजीनियरिंग), भाकृअनुप ने फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करने के लिए निरंतर मूल्यांकन की गंभीरता पर जोर दिया। उन्होंने हितधारकों के बीच व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के महत्व पर जोर दिया।

डॉ. के. नचिकेत कोतवालीवाले, निदेशक, भाकृअनुप-सिफेट ने अनुसंधान प्रयासों में नवाचार के महत्व तथा बौद्धिक संपदा संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. के. नरसैया, सहायक महानिदेशक (प्रक्रिया इंजीनियरिंग), भाकृअनुप ने कृषि को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

डॉ. एस पटेल, सेवानिवृत्त प्रोफेसर (खाद्य प्रक्रिया इंजीनियरिंग), इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, डॉ. आर विश्वनाथन, प्रोफेसर (खाद्य प्रक्रिया इंजीनियरिंग), तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबटूर, और डॉ. वी. के. सहगल, सेवानिवृत्त प्रोफेसर, कार्यक्रम के दौरान पंजाब कृषि विश्वविद्यालय भी मौजूद रहे।

तकनीकी सत्रों में नए अनुसंधान प्रस्तावों पर चर्चा और चल रही परियोजनाओं की गहन समीक्षा की गई।

पीएचईटी पर एआईसीआरपी के तहत सहयोगी केन्द्रों के वैज्ञानिकों, परियोजना अन्वेषकों तथा अनुसंधान इंजीनियरों सहित कुल 76 प्रतिभागियों ने कार्यशाला में भाग लिया, जो केन्द्रीय कटाई उपरान्त अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में उपयोगी आदान-प्रदान और सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ावा देते हैं।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कटाई उपरान्त अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना)

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