पंजाब की संस्कृति विरासत और भाषा को दर्शाती सचित्र कृति

पंजाब की संस्कृति विरासत और भाषा को दर्शाती सचित्र कृति

15 मार्च, 2024, लुधियाना

डॉ. एस.एन. झा, उप-महानिदेशक (कृषि इंजीनियरिंग) भाकृअनुप ने आज भाकृअनुप-केन्द्रीय कटाई उपरान्त अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना के प्रशासनिक ब्लॉक में एक सचित्र कार्य प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर में मातृभाषा "पंजाबी" को बढ़ावा देने के लिए पंजाब के मानचित्र, पंजाबी वर्णमाला और व्यक्तिगत नेमप्लेट वाले पारंपरिक स्टोल के साथ-साथ पंजाब की विरासत और संस्कृति को उजागर करना था।

Pictorial Work Depicting Punjab's Culture Heritage & Language

डॉ. झा ने समाज के भीतर पंजाब की संस्कृति, विरासत और भाषा को बढ़ावा देने के लिए पंजाब के पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता, लेखक और प्रकृति कलाकार हरप्रीत संधू के काम पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से भाकृअनुप संस्थान के साथ, जिसका उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना तथा नई पीढ़ियों को समुदाय से जोड़कर रखना है।

भाकृअनुप-सिफेट के निदेशक, डॉ. नचिकेत कोतवालीवाले ने क्षेत्रीय भाषाओं की सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और मूल्यों को संरक्षित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भाकृअनुप-सिफ़ेट अधिकारियों के साथ सचित्र ब्रोशर भी साझा किए।

डॉ. के. नरसैया, सहायक महानिदेशक, भाकृअनुप, डॉ. संदीप मान, प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख, एएस एंड ईसी प्रभाग, श्री रमेश चंद मीना, सीएओ, भाकृअनुप-सिफेट लुधियाना एवं भाकृअनुप-सिफेट लुधियाना के संकाय सदस्य भी कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान, भाकृअनुप-सिफेट लुधियाना के लिए पाकिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के सिरी साहिब स्मारक को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण पवित्र चित्र प्रस्तुत किया गया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कटाई उपरान्त अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना)

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