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श्रीमती चेनम्मा, 30 वर्षीय बंगलुरू ग्रामीण जिले के गांव अन्तराहल्ली की एक सब्जी किसान हैं। इनके पास सिंचित, बारानी तथा कृषि वानिकी क्षेत्रों वाली 7 एकड़ जमीन है। इन्होंने पिछले तीन सालों से विभिन्न सब्जियों नामत: फ्रेंच बीन, टमाटर, मटर, मूली, बैंगन, मिर्च और हरी सब्जियों की खेती करना प्रारंभ किया। इससे पहले, वे रागी, ज्वार और सूरजमुखी जैसी फसलों की खेती करती थीं लेकिन इनकी आमदनी पर्याप्त नहीं थी। अब इनके द्वारा भाकृअनुप – भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान ( ICAR - IIHR), बंगलुरू की उन्नत फ्रेंचबीन किस्मों (अर्का सुविधा, अर्का कोमल व अर्का अनूप) की खेती की जा रही है।
फ्रेंचबीन की उपज 16.5 से 17.4 टन/हेक्टेयर थी जो कि निकटवर्ती गांवों में सबसे अधिक है। अर्का सुविधा किस्म को बाजार में कहीं अधिक मूल्य हासिल हुआ जैसा कि यह किस्म कांटा रहित है। मजदूरों की समस्या होने पर 5 दिनों के अन्तराल के बाद भी तुड़ाई की जा सकती है क्योंकि इस किस्म के फल अपनी गुणवत्ता को नहीं खोते। उपज के मामले में अर्का अनूप सर्वश्रेष्ठ पाई गई। श्रीमती चेनम्मा द्वारा 6,960 किग्रा./हे. की उपज हासिल कर सकीं तथा साथ ही यह किस्म रतुआ और जैविक अंगमारी जैसे प्रमुख रोगों की प्रतिरोधी भी है। श्रीमती चेनम्मा ने अर्का अनूप और अर्का कोमल के लिए जहां रूपये 10/- प्रति किग्रा. का बाजार मूल्य हासिल किया वहीं इसकी तुलना में अर्का सुविधा के लिए रूपये 11/- प्रति किग्रा. का बाजार मूल्य हासिल किया। अब श्रीमती चेनम्मा अतिरिक्त गुणवत्ता और अधिक उपज के कारण अर्का अनूप व अर्का सुविधा किस्मों की खेती करना पसंद करती हैं। श्रीमती चेनम्मा के अनुसार, अर्का अनूप व अर्का सुविधा किस्मों में अच्छी कुकिंग गुणवत्ता है। कार्यशील महिलाओं द्वारा अधिक पसंद किए जाने के कारण अर्का सुविधा किस्म की उपज को बाजार में कहीं अधिक मूल्य मिलता है।
इससे पहले श्रीमती चेनम्मा एक लघु स्तरीय किसान के रूप में अपनी सब्जियों को बंगलुरू के प्रमुख बाजारों में बिक्री के लिए लाती थीं। एक बार बड़े पैमाने पर सब्जियों की खेती करने पर,पड़ोसी सब्जी विक्रेता भी इनके पास आए और उन्होंने श्रीमती चेनम्मा के खेत में उगी सब्जियों के उत्पाद और उनकी गुणवत्ता के बारे में जानकारी हासिल की। अत: अब विक्रेता इनके यहां आकर अच्छे दामों पर इनके उत्पाद को खरीदते हैं।
वर्ष 2005 में भाकृअनुप – भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान ( ICAR - IIHR), बंगलुरू द्वारा प्रदर्शन के लिए उन्नत किस्मों के बीज उपलब्ध कराये गये थे। इन किस्मों के प्रदर्शन को देखकर ही श्रीमती चेनम्मा ने भाकृअनुप – भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान ( ICAR - IIHR), बंगलुरू का दौरा किया और वहां वैज्ञानिकों से सम्पर्क साधा। तथा साथ ही उन्नत किस्मों के बीजों को खरीदा । इन्होंने वर्ष 2006 में उन्नत किस्मों की खेती करना प्रारंभ किया और लगातार अधिक फसल हासिल की। श्रीमती चेनम्मा लगातार भाकृअनुप – भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान ( ICAR - IIHR), बंगलुरू के वैज्ञानिकों के सम्पर्क में बनी रहीं और फॉलोअप के तौर पर संस्थान के वैज्ञानिकों ने इनके खेत का नियमित अन्तराल पर दौरा किया। इन्हें सभी जरूरी जानकारी एवं कौशल प्रदान किया गया जिसमें उर्वरकों और नाशीजीव प्रबंधन का संवर्धन भी शामिल था।
भाकृअनुप – भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान ( ICAR - IIHR), बंगलुरू में अपने दौरे के दौरान, इन्होंने टमाटर, फली तथा अन्य सब्जियों के लिए वेजिटेबल स्पेशल के बारे में जानकारी हासिल की। टमाटर फसल के लिए संस्तुत खुराक में एक शैम्पू और 2 मध्यम आकार वाले नींबू के साथ 15 लिटर पानी में 75 ग्राम है। फ्रेंच बीन के लिए यह प्रति लिटर 2 ग्राम है। अब श्रीमती चेनम्मा नियमित तौर पर वेजिटेबल स्पेशल का उपयोग कर रही हैं जैसा कि इन्होंने महसूस किया है कि इसका प्रयोग करने पर फल की गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधिता में सुधार आया है। इससे इन्हें कहीं अधिक संख्या में फूलों को बनाये रखने में मदद मिलती है जिससे अधिक फल स्थापना के कारण अधिक उपज को बल मिलता है।
मृदा के संवर्धन हेतु, श्रीमती चेनम्मा ने जैव उर्वरक (फॉस्फेट घुलनशील जीवाणु एजोस्प्रिलियम तथा एजोटोबैक्टर ) और जैव नाशकजीवनाशियों (स्यूडोमोनास फ्लोरेसेन्स, पीसिलोमायसीज लिलेसीनस तथा पोचोनिया क्लेमाइडॉस्परिया ) दोनों का उपयोग करना प्रारंभ किया। साथ ही इन्होंने अन्य उन्नत किस्मों यथा अर्का आनंद (भाकृअनुप – भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान ( ICAR - IIHR), बंगलुरू की एक हरे लंबे बैंगन वाली संकर किस्म) तथा मिर्च अर्का मेघना और अर्का श्वेता की खेती करना प्रारंभ किया है।
इनकी सफलता के पीछे इनकी सीखने की लग्न, तेजी से समझने की तत्परता, कडी मेहनत और सकारात्मक दृष्टिकोण है। श्रीमती चेनम्मा क्षेत्र के लिए एक मॉडल सब्जी उतपादक किसान हैं।
(स्रोत : भाकृअनुप – भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बंगलुरू से मिले इनपुट के आधार पर मास मीडिया मोबिलाइजेशन, डीकेएमए पर एनएआईपी मास मीडिया उप-परियोजना)
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