25 सितम्बर, 2023, कल्याण
भाकृअनुप-केन्द्रीय सिट्रस अनुसंधान संस्थान (सीसीआरआई), नागपुर ने भारत के छोटा नागपुर पठार क्षेत्र में बागवानी क्षेत्र के उत्थान के लिए आज कृषि विज्ञान केन्द्र, कल्याण (राम कृष्ण मिशन से संबद्ध), पुरुलिया, पश्चिम बंगाल के सहयोग से एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया।
मुख्य अतिथि, स्वामी वशकरानंद, सचिव, कल्याण ने विभिन्न गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में सिट्रस की खेती विधियों को मजबूत करने और उसे बढ़ावा देने में भाकृअनुप-सीसीआरआई द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
भाकृअनुप-सीसीआरआई के निदेशक, डॉ. दिलीप घोष ने आदिवासी किसानों से सिट्रस की उपज, गुणवत्ता और उनकी आय बढ़ाने के लिए संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि भाकृअनुप-सीसीआरआई और केवीके पुरुलिया ने पश्चिम बंगाल के रेड लैटेरिटिक जोन के लिए एसिड लाइम और स्वीट ऑरेंज की विधियों के बेहतर पैकेज पर प्रौद्योगिकी से संबन्धित पुस्तिका (अंग्रेजी और बंगाली भाषा में) भी जारी किया है।
भाकृअनुप-सीसीआरआई ने छोटानागपुर पठारी क्षेत्र के फसल में बीमारियों से मुक्त करने में भविष्य में निःशुल्क रोपण सामग्री का उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए केवीके फार्म, पुरुलिया में मीठे संतरे (वर. मोसंबी और कटर वालेंसिया) और एसिड लाइम (वर. एसिड लाइम एनआरसीसी-7) के दो मदर ब्लॉक भी स्थापित किए हैं। इसके अलावा, पुरुलिया जिले के हुडा ब्लॉक में किसानों के खेतों में एसिड लाइम और स्वीट ऑरेंज के दो फ्रंटलाइन प्रदर्शन शुरू किए।
इस आयोजन में कुल 50 आदिवासी किसानों और राज्य सरकार के अधिकारियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय सिट्रस अनुसंधान संस्थान, नागपुर)
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