28 फरवरी से 1 मार्च, 2023, अल्मोड़ा
भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के प्रयोगात्मक प्रक्षेत्र, हवालबाग में टिकाऊ पोषण सुरक्षा हेतु संकर मक्का का बीजोत्पादन विषय पर 2 - दिवसीय (28 फरवरी-1मार्च) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम उत्तर पूर्वी राज्यों के विषेश संदर्भ में, हिमालयी राज्यों एवं मध्य भारत में जैव-सुदृढ़ीकृत संकर मक्का किस्मों को लोकप्रिय बनाने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में मक्का की उन्नत उत्पादन तकनीकी को बढ़ावा देने पर आधारित था।
संस्थान के निदेशक, डॉ. लक्ष्मी कान्त ने कार्यक्रम का उद्घाटन संबोधन में गुणवत्तापूर्ण प्रोटीन मक्का (क्यूपीएम) के पोषण संबंधी महत्व पर प्रकाश डाला और किसानों से अपनी आय बढ़ाने के लिए क्यूपीएम की खेती और संकर बीज उत्पादन करने के लिए जागरूक किया। उन्होंने बताया कि क्यूपीएम का जैविक मूल्य लगभग दूध के करीब है। इसलिए, किसानों को अपने आहार में संतुलित पोषण सुनिश्चित करने के लिए क्यूपीएम उगाना चाहिए और क्यूपीएम का भोजन के रूप में उपयोग भी करना चाहिए।
डॉ. आर.के. खुल्बे, प्रधान वैज्ञानिक और प्रशिक्षण समन्वयक एवं डॉ. एन.के. हेडाऊ, विभागाध्यक्ष, फसल सुधार प्रभाग ने किसानों से पौष्टिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रोटीन मक्का उगाने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. खुल्बे ने ‘‘उन्नत मक्का उत्पादन तकनीक और संकर बीज उत्पादन‘‘ पर एक व्याख्यान दिया।
डॉ. देवेंद्र शर्मा, वैज्ञानिक और प्रशिक्षण समन्वयक ने ‘‘पोषण सुरक्षा और इसके मूल्यवर्धन में जैव-सुदृढ़ीकृत मक्का की भूमिका‘‘ पर एक व्याख्यान दिया।
डॉ. जी.एस. बिष्ट एवं श्री एम.सी. पंत द्वारा किसानों को मक्के के संकर बीज उत्पादन का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया।
श्री अमित यू. पासचापुर द्वारा ‘‘मक्का संकर बीज उत्पादन में कीट प्रबंधन‘‘ पर एक व्याख्यान दिया गया।
श्रीमती निधि कुमारी द्वारा किसानों को क्यूपीएम लड्डू और क्यूपीएम नमकीन बनाने का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया।
विभागाध्यक्ष, फसल सुधार विभाग ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संयोजन, डॉ. देवेंद्र शर्मा, आर. के. खुल्बे और आर. एस. पाल द्वारा किया गया।
कार्यक्रम प्रतिभागियों को धन्यवाद के एक औपचारिक वोट के साथ समाप्त हुआ।
किसानों को वी.एल. मक्का शेलर की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन भी कराया गया। समापन सत्र के दौरान, प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया प्राप्त की गई और उनके प्रश्नों को कार्यक्रम समन्वयकों द्वारा संबोधित किया गया। यहां, कपकोट खंड, जिला बागेश्वर के शामा, लीती, तुपेड़, खुलदौड़ी, भटनीकोट और भनार से 2 महिला किसानों सहित कुल 20 प्रतिभागियों ने उपस्थिति दर्ज कराई।
(स्रोतः भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें