16 मई, 2023, कंगसाबती जलाशय
भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर ने पश्चिम बंगाल सरकार के मात्स्यिकी विभाग के सहयोग से पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले के कांगसबाती जलाशय में केज कल्चर की शुरुआत की है, जो देश के विभिन्न जिलों के आदिवासी मछुआरों की आजीविका बढ़ाने की दिशा में अपनी तरह का पहला प्रयास है।
भाकृअनुप-सिफरी जीआई केज बैटरी का उद्घाटन आज फिंगरलिंग्स के रिलीज के साथ किया गया।
मुख्य अतिथि, श्री बिप्लब रॉय चौधरी, मत्स्य पालन मंत्री, पश्चिम बंगाल सरकार तथा विशिष्ट अतिथि, श्रीमती ज्योत्सना मंडी, राज्य मंत्री, खाद्य एवं आपूर्ति, पश्चिम बंगाल सरकार तथा श्री अवनींद्र सिंह, भारतीय प्रशासनिक सेवा, सचिव, मत्स्य पालन विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार, डॉ. बी.के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-सिफरी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति की उपस्थिति में फिंगरलिंग्स का विमोचन किया गया।
श्री रॉय चौधरी ने प्रमाणित केज कल्चर तकनीक के साथ भाकृअनुप-सिफरी की पहल की सराहना की, जो इस जलाशय के मछुआरों की आजीविका के मुद्दों को हल करने में एक लंबा रास्ता तय करेगी।
श्रीमती मंडी ने जिले के आदिवासी मछुआरों से इस ऐतिहासिक उद्यम से हाथ मिलाने का आग्रह किया, जो न केवल उनकी पोषण सुरक्षा को संबोधित करेगा बल्कि अधिक व्यावहारिक तरीके से आजीविका सहायता भी प्रदान करेगा।
डॉ. बी.के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-सिफरी ने पश्चिम बंगाल में इस प्रमुख कार्यक्रम की सफलता के प्रति एकजुटता का आग्रह किया।
श्री अवनींद्र सिंह, भारतीय प्रशासनिक सेवा, सचिव, मत्स्य विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि दो साल पहले शुरू की गई केज कल्चर परियोजना, आखिरकार, पश्चिम बंगाल में साकार हो गई।
कार्यक्रम में जिले के 200 आदिवासी मछुआरे, समाहरणालय के अधिकारी, मत्स्य पालन, पश्चिम बंगाल सरकार के संयुक्त निदेशक, उप निदेशक एवं सहायक निदेशक ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर)
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