26 जनवरी, 2024, कोलकाता
भाकृ्अनुप-केन्द्रीय जूट एवं संबद्ध फाइबर अनुसंधान संस्थान (सीआरआईजेएएफ), कोलकाता ने आज बैरकपुर, कोलकाता में पश्चिम बंगाल के कृषि विज्ञान केन्द्र के साथ एक इंटरेक्शन मीट का आयोजन किया।
भाकृ्अनुप-सीआरआईजेएएफ के निदेशक, डॉ. गौरंगा कर ने संस्थान द्वारा व्यवसायीकृत प्रौद्योगिकियों और जूट एवं संबद्ध फाइबर की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार तथा इसके प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने केवीके के सभी प्रमुखों, निदेशक और दो राज्य कृषि/ पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशालय से कृषक समुदायों के व्यापक हित को बढ़ाने के साथ-साथ राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के दौरान भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान के निदेशक, डॉ. प्रदीप डे भी उपस्थित थे।
विस्तार शिक्षा निदेशालय, बीसीकेवी, मोहनपुर के निदेशक डॉ. पी. बंद्योपाध्याय ने केवीके के प्रतिनिधियों से अपने कृषि-पारिस्थितिक क्षेत्रों और क्षेत्र की उपयुक्तता के अनुसार प्रौद्योगिकियों का चयन करने के लिए कहा।
केवीके के माध्यम से जूट एवं संबद्ध फाइबर आधारित खेती प्रणाली की उन्नत प्रौद्योगिकियों की रणनीतियों के बारे में भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ के वैज्ञानिकों द्वारा तीन संक्षिप्त प्रस्तुतियां दी गईं। उन्होंने किसानों के लिए संस्थान द्वारा विकसित सभी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और राष्ट्रीय विकास के लिए जूट एवं संबद्ध फाइबर क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भविष्य की योजना पर चर्चा की।
इस कार्यक्रम में केवीके के प्रमुखों, संस्थान के वैज्ञानिकों, भाकृअनुप संस्थानों के गणमान्य व्यक्तियों सहित लगभग 50 प्रतिभागियों ने शिरकत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय जूट एवं संबद्ध फाइबर अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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