17 मई, 2023, दीघा
भाकृअनुप-केन्द्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई) के दीघा क्षेत्रीय स्टेशन ने आज 'पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा की सतत समुद्री मात्स्यिकी के लिए संसाधन आकलन और प्रबंधन ढांचे' पर एक हितधारकों की बैठक आयोजित की।
बैठक की अध्यक्षता, श्री जयंत कुमार प्रधान, मात्स्यिकी के सहायक निदेशक (समुद्री), कोंटाई, पुरबा मेदिनीपुर ने की तथा डॉ. जे. चार्ल्स जीवा, प्रधान वैज्ञानिक एवं भाकृअनुप-सीएमएफआरआई के प्रभारी, विशाखापत्तनम क्षेत्रीय केन्द्र की अध्यक्षता में हुई।
दीघा क्षेत्रीय केन्द्र के प्रभारी वैज्ञानिक, डॉ. सुबल कुमार राउल ने भारत के समुद्री तटीय राज्यों के साथ भाकृअनुप-सीएमएफआरआई के अनुसंधान, विस्तार एवं विकास गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
चर्चा के बिंदु समुद्री मत्स्य पालन, तकनीकी एवं प्रशिक्षण की जरूरतों, आजीविका के मुद्दों, विकास तथा बुनियादी ढांचे की जरूरतों में अनुसंधान योग्य मुद्दों पर केन्द्रित थे, जिसमें मछली पकड़ने के शिल्प के सुचारू नेविगेशन को सुनिश्चित करने के लिए नदी के मुहाने की समय-समय पर ड्रेजिंग शामिल है। खुले समुद्र में केज कल्चर, तटीय केज कल्चर तथा मत्स्य पालन में विविधीकरण सहित समुद्री शैवाल संस्कृति और सजावटी मछली पालन के दायरे पर भी चर्चा की गई।
पश्चिम बंगाल के तट पर व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण समुद्री मछलियों के लिए 'न्यूनतम कानूनी आकार' पर दस्तावेज़ लाने सहित कई सिफारिशों के साथ यह बैठक हुई; और व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण छोटी मछलियों जैसे पोम्फ्रेट्स और हिल्सा को पकड़ने तथा व्यापार करने से रोकना है। कार्यशाला में समुद्री मात्स्यिकी की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मछली पकड़ने के गियर में स्क्वायर मेश के उपयोग जैसे एक इनपुट नियंत्रण प्रणाली तथा एक आउटपुट नियंत्रण प्रणाली जैसे कुल स्वीकार्य पकड़ (टीएसी) का भी आह्वान किया गया।
पूर्ब मेदिनीपुर की महिला समुद्री मत्स्य पालक तथा दक्षिण पुरुषोत्तमपुर की श्रीमती मीनाक्षी मन्ना को इस अवसर पर सम्मानित किया गया।
पीएमएमएसवाई योजना के विशेष रूप से सक्षम लाभार्थी रहे श्री समीर हलदर जो आइस बॉक्स के साथ तिपहिया वाहन के माध्यम से मछली बेच रहे हैं, इनको भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया।
इस आयोजन के दौरान दो प्रकाशन; (i) 'पश्चिम बंगाल की समुद्री मछली अवतरण - 2022' शीर्षक वाली पैम्फलेट तथा (ii) 'भारत के उत्तर पूर्वी तट की समुद्री मछलियां-1' शीर्षक वाला मछली पोस्टर भी जारी किया गया।
पश्चिम बंगाल के स्थायी समुद्री मत्स्य प्रबंधन से संबंधित मुद्दे पर चर्चा के लिए, एमपीईडीए, जेडएसआई, बेनफिश, मछुआरा संघों, मछली पकड़ने वाली नाव के मालिकों, यंत्रीकृत, मोटरयुक्त तथा कारीगर मत्स्य क्षेत्रों के मछुआरों, थोक एवं खुदरा मछली व्यापारियों, शुष्क मछली व्यापारियों, बर्फ-संयंत्र मालिकों और निर्यातकों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 70 हितधारकों ने भाग लिया और विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, कोच्चि)
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