पूर्वी मैदानी क्षेत्र (यूपी) के कृषि विज्ञान केन्द्रों की मध्यावधि समीक्षा कार्यशाला आयोजित

पूर्वी मैदानी क्षेत्र (यूपी) के कृषि विज्ञान केन्द्रों की मध्यावधि समीक्षा कार्यशाला आयोजित

12 अक्टूबर, 2023, कानपुर

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-III, कानपुर, उत्तर प्रदेश के पूर्वी मैदानी क्षेत्र (यूपी) के अंतर्गत 17 कृषि विज्ञान केन्द्रों की दो दिवसीय मध्यावधि समीक्षा कार्यशाला का उद्घाटन 12 अक्टूबर, 2023 को किया गया।

Mid-term review workshop of Krishi Vigyan Kendras Eastern Plain Zone (UP)  Mid-term review workshop of Krishi Vigyan Kendras Eastern Plain Zone (UP)

भाकृअनुप-अटारी, कानपुर के निदेशक, डॉ. शांतनु कुमार दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश के केवीके की वर्ष 2024 की कार्य योजना की प्रगति की समीक्षा करने और उसे अंतिम रूप देने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी कृषि विज्ञान केन्द्र कृषि के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं, लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्यों का उचित दस्तावेजीकरण होना चाहिए, जो विश्वविद्यालयों द्वारा नीति निर्माण और अनुसंधान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रत्येक केवीके को चयनित गांवों की समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रौद्योगिकी का चयन एवं प्रदर्शन करना चाहिए।

डॉ. एस.के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, भाकृअनुप-अटारी, कानपुर ने कहा कि केवीके के कार्य क्षेत्र में किसानों के सामने आने वाली सभी समस्याओं को हल करने के लिए किसानों के साथ मिलकर काम करना प्रत्येक केवीके में विभिन्न विषयों के विषय विशेषज्ञों (एसएमएस) की जिम्मेदारी है।

डॉ. आर.आर. सिंह, निदेशक, विस्तार, एएनडीयूएटी, अयोध्या ने विश्वविद्यालय, अयोध्या के केवीके के दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि जो भी तकनीक किसानों के खेतों तक पहुंचे उसमें आने वाली समस्याओं जैसे खरपतवार प्रबंधन एवं उर्वरक प्रबंधन, कीट आदि का अवलोकन एवं अध्ययन करें।

डॉ. एस.एस. सिंह, निदेशक विस्तार, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी ने कृषि विज्ञान केन्द्रों पर परिचयात्मक टिप्पणी दी। उन्होंने सभी केवीके से धान और गेहूं में जो भी किस्म लगाई जा रही है, प्रत्येक किस्म का प्रतिशत आदि के बारे में जानकारी का उचित दस्तावेजीकरण करने का भी आग्रह किया। यदि केवीके प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर एफपीओ के साथ मिलकर काम करते हैं, तो उन्हें 100% सफलता मिलेगी।

इस अवसर पर एसवीपीयूएटी, मेरठ के पूर्व विस्तार निदेशक, डॉ. ओ.पी. सिंह ने संबोधन दिया। उन्होंने, यहां उपस्थित सभी वैज्ञानिकों को एक वैज्ञानिक की तरह सोचने के लिए भी प्रेरित किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कानपुर)

×