"फसल स्वास्थ्य प्रबंधन: निदान और नवाचारों के माध्यम से फसल की सुरक्षा" पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

"फसल स्वास्थ्य प्रबंधन: निदान और नवाचारों के माध्यम से फसल की सुरक्षा" पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

29 एवं 30 सितम्बर, 2023, हवालबाग

भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (वीपीकेएएस), अल्मोड़ा ने 29-30 सितंबर, 2023 के दौरान प्रायोगिक फार्म, हवालबाग में "फसल स्वास्थ्य प्रबंधन: निदान और नवाचारों के माध्यम से फसल की सुरक्षा" पर डीएसटी एसईआरबी प्रायोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। समारोह का उद्घाटन 29 सितंबर, 2023 को हुआ था।

डॉ. पी.के. चक्रवर्ती, पूर्व सदस्य, एएसआरबी, और पूर्व सहायक महानिदेशक, पीपी एंवं बायोसेफ्टी, भाकृअनुप इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी का विषय बहुत ही उचित एवं सामयिक है। डॉ. चक्रवर्ती ने शोधकर्ताओं को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकास और देश के हितधारकों के लिए डिलिवरेबल्स में अपने भविष्य के अनुसंधान कार्यों को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कृषि के भविष्य और फसल स्वास्थ्य प्रबंधन पर बहुमूल्य दृष्टिकोण साझा किए।

National Symposium on “Crop Health Management: Safeguarding Crop through Diagnostics and Innovations”

डॉ. सुभाष चंदर, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय एकीकृत कीट प्रबंधन अनुसंधान केन्द्र, नई दिल्ली सम्मानित अतिथि थे। उन्होंने फसल स्वास्थ्य में सुधार के लिए स्थान-विशिष्ट एकीकृत कीट प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. चंदर ने खाद्य सुरक्षा और टिकाऊ कृषि सुनिश्चित करने में अनुसंधान और प्रौद्योगिकी की भूमिका पर भी जोर दिया।

भाकृअनुप-वीपीकेएएस, अल्मोड़ा के निदेशक, डॉ. लक्ष्मी कांत ने संगोष्ठी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने फसल स्वास्थ्य प्रबंधन को आगे बढ़ाने में सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। डॉ. कांत ने प्रतिभागियों को उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए फसल स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए अपने अनुसंधान एवं नवाचार को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

डॉ. के.के. मिश्रा, संगोष्ठी के संयोजक और प्रमुख, फसल सुरक्षा प्रभाग, भाकृअनुप-वीपीकेएएस, अल्मोड़ा ने सभी प्रतिभागियों और योगदानकर्ताओं को उनके समर्थन तथा भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया।

संगोष्ठी में चार सूचनात्मक सत्र, अर्थात् किसानों की विविधताएं और मेजबान प्रतिरोध तथा फसल स्वास्थ्य प्रबंधन में उनकी भूमिका, जलवायु परिवर्तन के बीच फसल स्वास्थ्य के लिए उभरते रुझान एवं चुनौतियां, फसल स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए नए दृष्टिकोण और फसल स्वास्थ्य प्रबंधन में माध्यमिक कृषि एवं कृषि-उद्यमिता विकास के अवसर प्रस्तुत किए गए।

कुल 266 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें से 97 ने भौतिक तूप से तथा 169 ने वर्चुअल रूप से इस बैठक में भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा)

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