नई दिल्ली, 09 नवम्बर 2010
भारतीय कृषि का योगदान बहुत व्यापक और समृद्ध है और यह संग्रहालय इसकी प्रगति को विश्व में व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। अधिक जागरूकता और प्रचार-प्रसार के द्वारा ही यह समाज के प्रत्येक वर्ग के आकर्षण का केंद्र बन पाएगा। यह कहना है डॉ. पंजाब सिंह, सलाहकार, कृषि वृक्षारोपण, ईटीए स्टार और पूर्व सचिव, डेयर और महानिदेशक, आईसीएआर का। वे राष्ट्रीय कृषि विज्ञान संग्रहालय (एनएएसएम) के वार्षिक दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर डॉ. सिंह ने एनएएसएम के ‘वचुअल टूर’ का शुभारंभ किया और मुख्य अतिथि के रूप में दिए गए अपने उद्बोधन में कहा कि प्रदर्शित सामग्री का नियमित रूप से अद्यतन और नया साहित्य यहां के आगंतुकों के लिए विशेष आकर्षण सिद्व हो सकते है। अपने वक्तव्य में उन्होंने माननीय सांसदों को भी संग्रहालय यात्रा के लिए आमंत्रित किए जाने का सुझाव दिया।। .
डॉ. एस. अय्यप्पन, सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) और महानिदेशक, आईसीएआर ने प्रतिभाशाली छात्रों को कृषि विज्ञान को अपने करियर के मुख्य विषय के रूप में चुनने के लिए प्रोत्साहित किया। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, परिचयात्मक सत्र, संग्रहालय भ्रमण और जन-जागरूकता आदि गतिविधियों के माध्यम से संग्रहालय को और भी अधिक लोकप्रिय बनाया जा सकता है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि कोलकाता, मुम्बई, चेन्नई और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में कृषि से संबंधित ज्ञान के प्रसार के लिए जल्द ही मोबाइल कृषि संग्रहालयों का निर्माण किया जाएगा।
इस अवसर पर निबंध और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण-पत्र तथा स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, आईसीएआर के वेबसाइट (www.icar.org.in) के माध्यम से एनएएसएम के ‘वचुअल टूर’ का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में इसी दौरान अतिथियों द्वारा एनएएसएम पर एक फिल्म व ‘द सागा आफ इंडियन एग्रीकल्चर’ नामक एक पुस्तिका भी जारी की गई।
डॉ. सी. डी. मायी, अध्यक्ष, कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल ने अपने उद्बोधन के माध्यम से एनएएसएम के वर्तमान विषय पैनल में जलवायु परिवर्तन को भी शामिल करने का सुझाव दिया। डॉ. एम. एम. पांडेय, उप-महानिदेशक (अभियांत्रिकी), ने सीखने के केद्र के रूप में एनएएसएम की भूमिका की सराहना की।
आईसीएआर के राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में स्थित एनएएसएम कृषि पर केंद्रित एक अद्वितीय और देश का एकमात्र संग्रहालय है। कृषि के इतिहास का संरक्षण और इसके विकास यात्रा के विभिन्न आयामों को देखना अपने आप में एक रोमांचक अनुभव है।
(स्रोत- एनएआईपी सब-प्रोजेक्ट मास-मीडिया मोबिलाइजेशन, दीपा )
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