16 जनवरी, 2024, कोलकाता
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), कोलकाता के अधिकार क्षेत्र के तहत सस्य श्यामला कृषि विज्ञान केन्द्र (एसएसकेवीके), रामकृष्ण मिशन विवेकानन्द शैक्षिक एवं अनुसंधान संस्थान द्वारा आज एक संवादात्मक बैठक-सह-जागरूकता अभियान का हाइब्रिड मोड में आयोजन किया गया।
इस अवसर पर, डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, अटारी, कोलकाता ने अपने संबोधन में कहा कि आज के वैश्विक परिदृश्य में स्टार्टअप अनंत संभावनाओं को उजागर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में स्टार्ट-अप भारतीय कृषि में एक नई क्रांति लाने तथा नवोन्मेषी फर्म के रूप में पेश करने की क्षमता रखता है। डॉ. डे ने कहा कि स्टार्टअप को समृद्ध होने के लिए नवोन्मेषी होने की जरूरत है तथा कृषि क्षेत्र में स्टार्ट-अप को उभरती प्रौद्योगिकियों में कुशल होने के साथ-साथ महत्वपूर्ण प्रयोग स्तर का ज्ञान भी जरूरी है। निदेशक ने सुझाव दिया कि इसके लिए स्टार्टअप को वित्तीय विशेषज्ञों, तकनीकी विशेषज्ञों और कृषि शोधकर्ताओं के साथ काम करने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने स्टार्ट अप को मेंटरिंग प्लेटफॉर्म, सीड फंड स्कीम, फंड ऑफ फंड्स स्कीम और क्रेडिट गारंटी स्कीम का भी उपयोग करने का सुझाव भी दिया।
श्री सुदीप गांगुली, परियोजना निदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी, दक्षिण 24 परगना ने विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जिसका उपयोग राज्य के स्टार्टअप कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एसएसकेवीके के साथ व्यापक सहयोग के लिए एजेंसी प्रतिबद्ध है।
डॉ. एन.सी. साहू, प्रमुख, एसएसकेवीके ने अपने संबोधन में उद्यमिता विकास के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के तकनीकी हस्तक्षेप पर प्रकाश डाला।
कृषि-उद्यमिता में रुचि रखने वाले 25 किसानों, खेतिहर महिलाएं और ग्रामीण युवाओं ने इस कार्यक्रम में शिरकत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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