रेडी-टू-ईट (खाने को तैयार) भरवाँ शंबुक – भाकृअनुप-सीआईएफटी-एबीआई इनक्यूबेटी के एक व्यापारिक उद्यम ने भरा उड़ान

रेडी-टू-ईट (खाने को तैयार) भरवाँ शंबुक – भाकृअनुप-सीआईएफटी-एबीआई इनक्यूबेटी के एक व्यापारिक उद्यम ने भरा उड़ान

शंबुक (मुसेल्स) को विटामिन ए, बी12, विटामिन सी, थियामिन, राइबोफ्लेविन से भरपूर पोषक भोजन में से एक माना जाता है; लौह, जस्ता, मैंगनीज, फास्फोरस और सेलेनियम जैसी खनिज सामग्री में उच्च ओमेगा - 3 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत है जो आसानी से पचने योग्य प्रोटीन और आवश्यक अमीनो एसिड से समृद्ध है। इसका दैनिक सेवन मस्तिष्क को तरोताजा रखता है, हृदय-स्वास्थ्य में सुधार करता है, कोशिका के कार्यों को बढ़ावा देता है, रक्त परिसंचरण की सुविधा देता है, गठिया को कम करता है और एनीमिया तथा अस्थमा को रोकता है।

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केरल के उत्तर-पश्चिमी भाग में कोझीकोड जिला अपने प्रामाणिक और स्वादिष्ट भोजन व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय स्तर पर उपलब्ध विश्व गुणवत्ता वाले मसालों के साथ अलग-अलग खाद्य संस्कृतियों का मिश्रित होता है।

कुछ नवाचारों के साथ अपने दम पर व्यवसाय शुरू करने का दृढ़ संकल्प रखने वाले श्री मोहम्मद फवास टी.सी., एक 21 साल के अति महत्त्वाकांक्षी युवक ने खाने को तैयार (रेडी-टू-ईट) शंबुक (मुसेल) उत्पादों के साथ समुद्री भोजन क्षेत्र में उद्यमिता शुरू करने का उपक्रम किया। उन्होंने अपने सह-भागीदारों के साथ कडुक्का बाजार, कोझिकोड से सटे चालियाम में 2018 की शुरुआत में एक छोटी उत्पादन इकाई की स्थापना की। तीनों ने केरल में एक प्रसिद्ध पारंपरिक स्नैक रेसिपी के तौर पर तले हुए रूप में चावल और मसालों के उत्तम मिश्रण के साथ भरवाँ शंबुक (मलयालम में 'कल्लूमाक्कायी नीराचट') को बेचने पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया। लेकिन उचित पैकेजिंग की कमी के कारण उन्हें रेसिपी के भंडारण और उपयोग होने तक की अवधि की समस्या का सामना करना पड़ा। शुरुआत में वे स्थानीय रूप से उपलब्ध एल्यूमीनियम फॉयल में भरवाँ शंबुक को पैक करके बेचते थे। लेकिन इस तरीके से किया गया पैकेजिंग उत्पाद की गुणवत्ता को बनाए रखने में विफल रहा। भंडारण के कुछ घंटों के भीतर ही उत्पाद का तेजी से नष्ट हो जाना उनके व्यवसाय में भारी नुकसान का कारण बना। इन परिस्थितियों में श्री फवास और उनके सहयोगियों ने बेहतर पैकेजिंग एवं तकनीकी सहायता के लिए भाकृअनुप-केंद्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोचिन से परामर्श किया।

भाकृअनुप-सीआईएफटी हस्तक्षेप

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भाकृअनुप-सीआईएफटी ने श्री फवास और उनकी टीम को उनकी समस्या के समाधान के लिए एक उपयुक्त प्रौद्योगिकी के रूप में संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी का सुझाव दिया। थर्मल प्रसंस्करण या उच्च तापमान प्रसंस्करण की वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग कमरे के तापमान पर उत्पादों के शेल्फ जीवन को बढ़ाने के लिए किसी भी रासायनिक परिरक्षकों को जोड़ने के बिना उत्पाद भंडारण के लिए किया गया था। नवंबर, 2018 के दौरान भाकृअनुप-सीआईएफटी के कृषि-व्यवसाय इनक्यूबेशन केंद्र में श्री फवास को इनक्यूबेट के रूप में पंजीकृत किया गया।

भाकृअनुप-सीआईएफटी-एबीआई ने श्री फवास (इनक्यूबेट) को क्लासिक मालाबार स्नैक 'स्टफ्ड ग्रीन मुसेल' के प्रसंस्करण के लिए आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान की। इसमें ताजे ग्रीन मुसेल्स की खरीद शामिल थी, जो पारंपरिक रूप से मिश्रित चावल और अन्य सामग्रियों से भरा होता है, फिर उच्च तापमान पर फूड ग्रेड रिटॉर्ट पाउच में सावधानी से पैक किया जाता है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य महत्त्व के रोगजनकों को मारने के लिए पर्याप्त होता है तथा उत्पाद के शेल्फ जीवन को बढ़ाता है।

दिसंबर-2018 के दौरान संस्थान के पायलट संयंत्र सुविधा में उत्पाद-परीक्षण आयोजित किए गए थे। सफल परीक्षण विपणन के बाद श्री फवास ने अप्रैल, 2019 के दौरान चालियाम, कोझिकोड में मेसर्स फू फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी पंजीकृत की ताकि उत्पाद के लिए एक मार्केटिंग ब्रांड "फू फूड्स" बनाया जा सके। इस तकनीक को भाकृअनुप-सीआईएफटी द्वारा पार्टी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के माध्यम से स्थानांतरित किया गया था।

डॉ. त्रिलोचन महापात्र, महानिदेशक (भा.कृ.अनु.प.) एवं सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) ने बाद में 25 मई, 2019 को भाकृअनुप-सीआईएफटी, कोचीन में आयोजित एक समारोह के दौरान 'कल्लूमाक्कायी नीराचट' नाम से इस उत्पाद को लॉन्च किया।

उत्पाद सुविधा

भाकृअनुप-सीआईएफटी-एबीआई सेंटर में विकसित खाने को तैयार भरवाँ मुसेल्स उत्पाद को बिना प्रशीतन के सामान्य कमरे के तापमान के तहत लंबी शेल्फ लाइफ, खाद्य गुणवत्ता और पौष्टिकता बनाए रखने के लिए कोई रासायनिक संरक्षक और योजक नहीं, कोलेस्ट्रॉल में कोई ट्रांस-फैट नहीं, लस मुक्त रखने व पूरे साल ताजगी और स्वाद बरकरार रहने जैसे कई फायदे मिले। प्रारंभिक प्री-हीटिंग के बाद पूरी सामग्री अपव्यय के बिना खाद्य है।

उत्पाद का वाणिज्यिक महत्त्व

रेडी टू ईट भरवाँ मुसेल उत्पाद 'कल्लूमाक्कायी नीराचट' की गुणवत्ता, स्वाद और लागत के संदर्भ में उपभोक्ताओं और खुदरा विक्रेताओं द्वारा इसे अत्यधिक सराहा गया था। यह उत्पाद अब वर्ष भर कोझिकोड और मालाबार क्षेत्रों के हाइपरमार्केट और सुपरमार्केट में 140 रुपए प्रति पैक (125 ग्राम) के साथ उपलब्ध रहता है जिसमे पाँच भरवाँ मुसेल्स की पैकेजिंग होती है। उत्पादन लागत 740 रुपए प्रति किलोग्राम होने का अनुमान था जिसमें आरटीई भरवाँ मुसेल उत्पादों का औसत मासिक उत्पादन 375 किलोग्राम है। सभी खर्चों को पूरा करने के बाद कंपनी का शुद्ध लाभ बीसीआर (लाभ-लागत अनुपात) 1.51 के साथ प्रति माह 1,42,500 रुपए के आसपास है।

श्री फवास ने शुरू में एक छोटी उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए लगभग 30,000 रुपए का निवेश किया और बाहरी स्त्रोतों के माध्यम से उत्पादों की थर्मल पैकेजिंग के लिए तकनीकी सुविधाओं का लाभ उठाया। लगभग एक वर्ष की अवधि के भीतर वह खाड़ी देशों में फैले मछली प्रेमियों की मेज पर केरल के स्वाद का परिचय दे सकता है। उत्पाद की बढ़ती बाजार मांग और फिर ब्रांड की लोकप्रियता के कारण, अब मेसर्स फू फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, चालियाम समुद्री भोजन उद्यमिता में सबसे आगे है। वर्तमान गति के साथ कंपनी को वर्ष-2025 तक 25 करोड़ रुपए का कारोबार करने की उम्मीद है। इसके अलावा कंपनी निकट भविष्य में और अधिक नृजातीय खाद्य व्यंजनों को सुविधाजनक खाद्य पदार्थों के रूप में पेश करने की योजना भी बना रही है।

(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोचीन, केरल)

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