2- 4 दिसंबर, 2023, बेंगलुरु
रेंज मैनेजमेंट सोसायटी ऑफ इंडिया (आरएमएसआई), भाकृअनुप-भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झाँसी, और कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बैंगलोर, अंतर्राष्ट्रीय शुष्क क्षेत्रों में कृषि अनुसंधान केन्द्र (आईसीएआरडीए) और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से सेंटर फॉर ट्रॉपिकल एग्रीकल्चर (सीआईएटी) ने 2 से 4 दिसंबर, 2023 तक कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बैंगलोर में "रंगभूमि, चारा और पशु विज्ञान में सतत पर्यावरण-अनुकूल नवाचारों के माध्यम से भविष्य को पोषण" विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
सम्मेलन ने उन अनुसंधान और प्रगति पर प्रकाश डाला जो खाद्य सुरक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता एवं पशुधन तथा पारिस्थितिकी तंत्र की भलाई सुनिश्चित करने में योगदान करते हैं।
जीनोम इंडिया इंटरनेशनल के संस्थापक अध्यक्ष और बीसीकेवी के पूर्व वीसी, प्रोफेसर (डॉ.) चितरंजन कोले ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। डॉ. एम.बी. चेट्टी, पूर्व वीसी, यूएएसडी और श्री दिनेश पी., मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड सम्मानित अतिथि थे, डॉ. अमरेश चंद्र, निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झाँसी; डॉ. के.सी. वीरन्ना, वीसी, केवीएएफएसयू, बीदर तथा डॉ. एस.वी. सुरेशा, वीसी, यूएएसबी ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की।
डॉ. चंद्रा ने इस बात पर जोर दिया कि देश में 12% हरे चारे और 23% सूखे चारे की कमी है, यह सम्मेलन इस गंभीर चुनौती से निपटने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
भाकृअनुप-एनडीआरआई के निदेशक, डॉ. धीर सिंह समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
सम्मेलन में भारत और विश्व के विभिन्न देशों से लगभग 294 प्रतिनिधियों ने शिरकत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झाँसी)
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