सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ-केवीके के प्रशासनिक भवन का किया उद्घाटन

सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ-केवीके के प्रशासनिक भवन का किया उद्घाटन

19 जनवरी 2024, बैरकपुर

डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आज भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ-केवीके, उत्तर-24 परगना के प्रशासनिक भवन के उद्घाटन के लिए भाकृअनुप-केन्द्रीय जूट एवं संबद्ध फाइबर अनुसंधान संस्थान (सीआरआईजेएएफ), बैरकपुर का दौरा किया।

Secretary (DARE) and Director General (ICAR) inaugurates the Administrative Building of ICAR-CRIJAF-KVK  Secretary (DARE) and Director General (ICAR) inaugurates the Administrative Building of ICAR-CRIJAF-KVK

डॉ. पाठक ने एसएचजी समूहों के सदस्यों से बातचीत की। उन्होंने महिला एसएचजी सदस्यों के कौशल को बढ़ाने तथा जूट के विविध उत्पाद बनाकर ऑफ-फार्म आय अर्जित करने में आत्मनिर्भर होने की उनकी क्षमता को बदलने में भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ के प्रयासों पर जोर दिया। डॉ. पाठक ने इस बात पर जोर दिया कि जूट और अन्य प्राकृतिक रेशे गैर-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के उपयुक्त विकल्प हैं जो एकल उपयोग वाले प्लास्टिक की जगह ले सकते हैं।

Secretary (DARE) and Director General (ICAR) inaugurates the Administrative Building of ICAR-CRIJAF-KVK  Secretary (DARE) and Director General (ICAR) inaugurates the Administrative Building of ICAR-CRIJAF-KVK

डॉ. पाठक ने किसानों, कृषक महिलाओं, एसएचजी सदस्यों तथा वैज्ञानिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में नवाचार और उद्यमिता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने स्थानीय कृषक समुदाय की सेवा में भूमिका के लिए नए केवीके की सराहना की और भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ प्रौद्योगिकियों के प्रचार और पहुंच पर संतोष व्यक्त किया। डॉ. पाठक ने अनुसंधान, आउटरीच, शिक्षा, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास में संस्थान के प्रयासों की सराहना की।

डॉ. पाठक ने केवीके कर्मियों के साथ बातचीत की तथा उनसे सर्वोत्तम संभव तरीके से कृषक समुदाय की सेवा करने के लिए अपने प्रयास और दृष्टिकोण में अधिक सकारात्मक होने का आग्रह किया। उन्होंने हाल के विकास के लिए संस्थान के निदेशक तथा कर्मचारियों की सराहना की और उन्हें अपनी गतिविधियों में ज्यादा जीवंत होने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. पाठक ने संस्थान के कौशल विकास केन्द्र, फाइबर संग्रहालय और प्रदर्शनी हॉल का भी दौरा किया, जहां व्यवहार्य प्रौद्योगिकियों तथा विविध उत्पादों का प्रदर्शन किया गया था। उन्होंने आईएआरआई-कोलकाता एजुकेशनल हब का भी दौरा किया और छात्रों से बातचीत की।

इससे पहले, भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ के निदेशक, डॉ. गौरंगा कर ने संस्थान की उपलब्धियों और राष्ट्रीय विकास के लिए जूट क्षेत्र को बढ़ावा देने की भविष्य की योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संस्थान द्वारा व्यवसायीकरण प्रौद्योगिकियों और जूट फाइबर की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार पर इसके प्रभाव पर जोर दिया। डॉ. कर ने किसानों से उनके लिए बनाई गई सुविधाओं का उपयोग करने का आग्रह किया। भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ प्रौद्योगिकियों का व्यवसायीकरण करने वाली कंपनियों ने ट्रैक्टर से चलने वाले जूट सीडर और जूट रिबनर के व्यवसायीकरण के लिए समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया।

कार्यक्रम में किसानों, कृषक महिलाओं, एसएचजी सदस्यों, वैज्ञानिकों, भाकृअनुप संस्थान के कर्मियों सहित लगभग 400 प्रतिभागियों ने शिरकत की।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय जूट एवं संबद्ध फाइबर अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर)

×