सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने जोन-V में भाकृअनुप-केवीके के स्वर्ण जयंती मशाल यात्रा का किया उद्घाटन

सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने जोन-V में भाकृअनुप-केवीके के स्वर्ण जयंती मशाल यात्रा का किया उद्घाटन

31 मार्च, 2024, कल्याणी

डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आज भाकृअनुप-केवीके (ए), नादिया से ओडिशा, पश्चिम बंगाल तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह वाले जोन-V में भाकृअनुप-केवीके के स्वर्ण जयंती मशाल यात्रा का उद्घाटन किया। केवीके स्वर्ण जयंती मशाल रिले कृषक समुदाय के लिए केवीके सेवा की भावना का प्रतीक है और साथ ही केवीके के स्वर्ण जयंती समारोह के एक भाग के रूप में सभी 11 अटारी में आयोजित किया जा रहा है।

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डॉ. पाठक ने कहा कि यह मशाल, केवीके द्वारा सभी जिलों में ज्ञान हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में कार्य करेगी। उन्होंने 1974 में पहली केवीके की स्थापना के बाद से कृषि प्रौद्योगिकी प्रसारण को आगे बढ़ाने में केवीके की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात की। डॉ. हिमांशु ने किसानों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अमृत काल के दौरान केवीके के काम को तेज करने का भी आह्वान किया।

भाकृअनुप के उप-महानिदेशक (एएस), डॉ. आर भट्टा ने कृषि प्रौद्योगिकी के प्रसार में केवीके के महत्व पर जोर दिया।

भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल के निदेशक, डॉ. डी. सिंह ने केवीके द्वारा जमीनी स्तर पर किए गए कार्यों की सराहना की।

भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता के निदेशक, डॉ. प्रदीप डे ने कहा कि मशाल रिले 2047 तक राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भारतीय कृषि के लिए एक परिवर्तन उत्प्रेरक तथा अभिसरण केन्द्र के रूप में काम करने के लिए केवीके में एक लहर प्रभाव पैदा करेगी।

डॉ. जी. कर, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय जूट एवं संबद्ध फाइबर अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, डॉ. एस. बनिक, प्रमुख, भाकृअनुप-एनडीआरआई (आरएस), कल्याणी, डॉ. अर्नब सेन, भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (पूर्वी क्षेत्रीय केन्द्र), कोलकाता, डॉ. चिरंतन चट्टोपाध्याय, प्रभारी, भाकृअनुप-सीएसआरएसजेएएफ, बुडबुड, डॉ. टी.के. घोषाल, प्रमुख, भाकृअनुप-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज एजुकेशन, कोलकाता सेंटर, डॉ. बैद्यनाथ पॉल, प्रभारी, भाकृअनुप-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर आरआरसी, रहारा, डॉ. एस.के. रे, प्रमुख, भाकृअनुप-केवीके (ए), नादिया इस अवसर पर उपस्थित रहे।

मशाल रिले अंतिम चरण के साथ समाप्त होगी, जो इसे नई दिल्ली में भाकृअनुप-केवीके स्वर्ण जयंती सम्मेलन 2024 के भव्य समारोह में ले जाएगी।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)

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