सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने "स्थायी मत्स्य पालन और डेयरी" पर अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का किया उद्घाटन

सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने "स्थायी मत्स्य पालन और डेयरी" पर अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का किया उद्घाटन

6 दिसंबर, 2023, बैरकपुर

विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) से "स्थायी मत्स्य पालन एवं डेयरी" पर अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि, डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आज भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर में किया। 14- दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (6 से 19 दिसंबर, 2023 तक) का उद्देश्य वैश्विक दक्षिण में विशेष रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र के देशों के लिए क्षमता निर्माण करना है।

Secretary (DARE) and Director General (ICAR) inaugurates International Training-cum-Workshop on “Sustainable Fisheries and Dairy”  Secretary (DARE) and Director General (ICAR) inaugurates International Training-cum-Workshop on “Sustainable Fisheries and Dairy”

डॉ. पाठक ने खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए मत्स्य पालन और डेयरी क्षेत्र के वैश्विक महत्व पर प्रकाश डाला तथा यहां भाग लेने वाले देशों की विशेषज्ञता के योगदान को रेखांकित किया। उद्घाटन सत्र के दौरान उन्होंने "प्रशिक्षण मैनुअल" और "प्रशिक्षण पुस्तिका" का प्रकाशन जारी किया।

सुश्री पारमिता त्रिपाठी, आईएफएस, संयुक्त सचिव, इंडो-पैसिफिक डिवीजन, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार ने मेकांग क्षेत्र के देशों के साथ भविष्य के सहयोग पर जोर दिया और प्रतिभागियों से विभिन्न सत्रों के माध्यम से सीखने तथा ज्ञान अंतर को मजबूत करने का आग्रह किया।

डॉ. जे.के. जेना, उप-महानिदेशक, मत्स्य पालन और पशु विज्ञान ने भारत की अर्थव्यवस्था में मत्स्य पालन एवं डेयरी अनुसंधान संस्थानों के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला।

डॉ. बी.के. दास, निदेशक भाकृअनुप-सीफरी ने भाग लेने वाले देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय सहयोग के माध्यम से अंतर्देशीय खुले जल मत्स्य पालन तथा डेयरी प्रबंधन में शामिल पेशेवरों के ज्ञान और कौशल को कुशलतापूर्वक बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।

प्रोफेसर श्याम सुंदर दाना, कुलपति, पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, प्रतिभागियों को मत्स्य पालन तथा डेयरी क्षेत्र में नवीनतम विकास से सीखकर अपने ज्ञान एवं कौशल को उन्नत करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम में कंबोडिया, लाओ पीडीआर, म्यांमार और वियतनाम (सीएलएमवी) का प्रतिनिधित्व करने वाले कुल 24 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर)

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