26 जून, 2025, गोवा
भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा ने आज सजावटी जलीय कृषि को बढ़ावा देने और राज्य में सजावटी मत्स्य पालकों के लिए एक सहकारी समिति के गठन की पहल करने हेतु एक हितधारक इंटरफ़ेस बैठक का आयोजन किया।
संस्थान के वैज्ञानिकों ने गोवा में सजावटी मत्स्य पालन की महत्वपूर्ण अप्रयुक्त क्षमता पर ज़ोर दिया तथा सतत विकास के मार्ग के रूप में सहकारी मॉडलों की वकालत की। किसानों को अपने व्यक्तिगत एवं परिचालन विवरण प्रस्तुत करके सहकारी गठन प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

चर्चा में ब्रूडस्टॉक विकास, हैचरी अवसंरचना और जीवित चारा उत्पादन सहित महत्वपूर्ण सहायक क्षेत्रों की पहचान की गई। विशेषज्ञों ने छोटे पैमाने पर सजावटी मत्स्य पालन के व्यावहारिक अनुभव साझा किया, सिल्पौलिन टैंकों का उपयोग करके एक सफल गप्पी बीज उत्पादन मॉडल पर प्रकाश डाला, साथ ही उच्च गुणवत्ता वाले एसपीएफ ब्रूडस्टॉक के उपयोग और प्रारंभिक पीढ़ियों में आनुवंशिक शुद्धता बनाए रखने के महत्व पर बल दिया।
प्रतिभागियों ने स्थानीय बाजार के लिए जंगली मछलियों पर भारी निर्भरता के बारे में भी चिंता व्यक्त की। जवाब में, वैज्ञानिकों ने घरेलू आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए देशी सजावटी मछली प्रजातियों की खोज तथा संवर्धन का सुझाव दिया।
बैठक का समापन किसानों द्वारा एक सहकारी समिति बनाने में गहरी रुचि दिखाने के साथ हुआ। संस्थान ने क्षेत्र में सजावटी जलीय कृषि को एवं विकसित करने के लिए निरंतर तकनीकी और संस्थागत सहायता का आश्वासन दिया।
इस मंच पर गोवा भर से लगभग 15 सजावटी मत्स्य पालक एकत्रित हुए।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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