सिक्किम में जलकुंड से शरदकालीन सब्जीा उत्पा दन

सिक्किम में जलकुंड से शरदकालीन सब्जीा उत्पा दन

SS-01-09-2014-2_0.jpgसिक्किम के पूर्व जिले में नांदोक गांव अपनी अनूठी भौगोलिक स्थिति के कारण बागवानी फसलों की खेती के लिए उपयुक्‍त है। इस गांव में खरीफ के दौरान औसतन 3057.3 मि.मी. तथा रबी मौसम के दौरान 269.1 मि.मी. सामान्‍य वार्षिक वर्षा होती है। राज्‍य की राजधानी गंगटोक के निकट होने के कारण यहां के किसानों को जल्‍दी से बाजार में अपनी उपज बेचकर अच्‍छा लाभ कमाने का अवसर उपलब्‍ध है। पिछले एक दशक से यह गांव जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों जैसे सूखा, अनिश्चित वर्षा पैटर्न, तेज आंधियों और ओलावृष्टि के कारण अत्‍यंत संवेदनशील हो गया है। खेतों की मिट्टी में कटाव हो रहा है तथा खरीफ के दौरान पोषक तत्‍व मिट्टी से रिसकर बह जाते हैं। रबी की सब्‍जी वाली फसलों के लिए सिंचाई सुविधाओं की गहन कमी है। सर्दियों में होने वाली वर्षा भी पिछले एक दशक के दौरान बहुत कम हो गई है और किसानों के लिए रबी मौसम में सब्‍जी की खेती के अवसर कम हो गए हैं। तथापि, यदि जल या सिंचाई की सुविधा उपलब्‍ध कराई जाए तो किसानों ने रबी मौसम में सब्जियां उगाने की इच्छा जाहिर की है। इससे उन्‍हें आय सृजित करने तथा अपनी आजीविका को सुधारने के बेहतर अवसर प्राप्‍त हो सकते हैं।

कृषि विज्ञान केन्‍द्र पूर्वी सिक्किम, रानीपूल में प्रौद्योगिकी हस्‍तक्षेप

गांव की जल से संबंधित समस्‍याओं के मूल्‍यांकन के पश्‍चात् कृषि विज्ञान केन्‍द्र, उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र के लिए भा.कृ.अनु.प. अनुसंधान परिसर, सिक्किम केन्‍द्र, पूर्वी सिक्किम, रानीपूल ने जल उपयोग की दक्षता को बढ़ाने के लिए एनआईसीआरए के अंतर्गत विभिन्‍न क्रियाकलाप आरंभ किए। किसानों के बीच जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता, कृषि पर पड़ने वाले इसके प्रभाव, जलवायु समुत्‍थानशीलता बढ़ाने के लिए कार्यनीतियां और आद्यतन प्रौद्योगिकियों के प्रचार-प्रसार का कार्य बैठकों, क्षमता निर्माण, भ्रमणों तथा कार्यशालाओं के माध्‍यम से किया गया। बैंच मार्क सर्वेक्षण के दौरान पीआरए तथा केन्‍द्रीकृत सामूहिक चर्चाओं से जल के कारगर उपयोग हेतु फार्म तालाबों में वर्षा जल के संग्रहण और भंडारण को एक उचित हस्‍तक्षेप के रूप में पहचाना गया। गांव में किसानों की उत्‍पादकता, आय तथा टिकाऊ आजीविकाओं को बढ़ाने के लिए जलवायु समुत्‍थानशील प्रौद्योगिकियों को भी प्राथमिकता दी गई।

श्री गोकुल राय ने अपने फार्म में 40 घन मी. (आकार 5मी. x 4 मी. x 2 मी.) क्षमता से युक्‍त तालाब प्रौद्योगिकी को स्‍वेच्‍छा से अपनाया। उन्‍होंने वर्षा जल के संग्रहण के लिए जलकुंड बनाया जिसमें गांव से बहकर आने वाले वर्षा जल का संग्रहण किया गया तथा इसका उपयोग कम लागत वाली संरचनाओं के अंतर्गत जैविक बंदगोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली तथा सब्‍जी की पौदों को उगाने के लिए पूरक सिंचाई के रूप में तथा मध्‍य मौसम में पड़ने वाले सूखे से निपटने के लिए किया गया।

फार्म तालाब के कारगर उपयोग से आय में वृद्धि

इस प्रौद्योगिकी को अपनाने से पूर्व श्री गोकुल राय खरीफ के मौसम में चावल या मक्‍का की केवल एक फसल उगाते थे तथा रबी मौसम के दौरान अपने खेत को परती छोड़ देते थे। इस खेती से होने वाला लाभ नाममात्र का था। जल की उपलब्‍धता के बढ़ जाने से श्री राय अपनी फसल प्रणाली में विविधीकरण लाने के लिए प्रोत्‍साहित हुए और उन्‍होंने रबी मौसम के दौरान कम लागत वाली संरचनाओं में ऑर्गेनिक बंदगोभी, फूलगोभी और ब्रोकोली की खेती के साथ-साथ सब्‍जी की पौदों का उत्‍पादन भी आरंभ किया। सूक्ष्‍म सिंचाई प्रणालियों (स्प्रिंकलर और ड्रिप) से सूखे की अवधि के दौरान फार्म के तालाब के जल का कारगर उपयोग करते हुए रबी फसलों की सिंचाई की गई और इस प्रकार उनके लिए सब्‍जी उत्‍पादन एक लाभदायक उद्यम बन गया। इससे उनकी फसल गहनता 100-200  प्रतिशत बढ़ गई तथा उनके पास उपलब्‍ध 0.4 हैक्‍टर शुद्ध कृषि क्षेत्र से आमदनी भी 16,500 रु. से बढ़कर 85,250/-रु. हो गई। श्री राय अब एक सफल ग्रामीण युवा किसान हैं जो फार्म तालाब प्रौद्योगिकी के माध्‍यम से मध्‍य मौसम के सूखे को प्रबंधित करने के लिए अन्‍य किसानों के पथ प्रदर्शक बन गए हैं। श्री राय अब एक वाणिज्यिक सब्‍जी पौद उत्‍पादक बन गए हैं तथा अन्‍य परंपरागत किसानों और शिक्षित युवाओं के लिए रोल मॉडल सिद्ध हो रहे हैं। ये एक प्रभावी टैक्‍नो-एजेंट बन गए हैं तथा गुणवत्‍तापूर्ण सब्‍जी पौदों की आपूर्ति कर रहे हैं। वे अपने ज्ञान को न केवल प्रचारित-प्रसारित करते हैं बल्कि कृषि विज्ञान केन्‍द्र, पूर्वी सिक्किम के वैज्ञानिकों व अधिकारियों की सहायता से निरंतर अद्यतन बनाए रखते हैं।

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रोल मॉडल

नांदोक गांव, पूर्वी सिक्किम ने उनकी उपलब्धियों को सम्‍मानित करते हुए श्री डी.एन. टकार्पा, माननीय मंत्री, खाद्य सुरक्षा एवं कृषि विकास विभाग, सिक्किम सरकार ने उन्‍हें उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र के लिए भा.कृ.अनु.प. के अनुसंधान परिसर, सिक्किम केन्‍द्र, टोडोंग में 2013 में आयोजित 38वें स्‍थापना दिवस पर सर्वश्रेष्‍ठ ग्रामीण युवक किसान का पुरस्‍कार प्रदान किया। इसके अलावा आप आत्‍मा, पूर्वी सिक्किम द्वारा प्रायोजित कम लागत वाली संरचनाओं के अंतर्गत सब्‍जी पौदों का उत्‍पादन पर फार्म फील्‍ड स्‍कूलभी चला रहे हैं।

(स्रोत: कृषि विज्ञान केन्‍द् उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र के लिए भाकृ.अनु.प. अनुसंधान परिसर सिक्किम केन्‍द्रपूर्व सिक्किम रानीपूल)

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