17 दिसंबर, 2023, केरल
भाकृअनुप-नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज (एनबीएफजीआर) तथा फिशरी सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित "इचथियोटेक्सोनॉमी: पारंपरिक से आणविक तरीकों तक की यात्रा" पर एक कार्यशाला का उद्घाटन आज एफएसआई कार्यालय, कोच्चि (केरल) के महानिदेशक, डॉ. आर. जेया भास्करन द्वारा इचिथियोटैक्सोनॉमी में अनुसंधान शुरू करने के लिए युवा दिमागों को प्ररित करने के लिए किया गया।
डॉ. यू.के. सरकार, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर; श्री. एम. हबीबुल्लाह, निदेशक, सिफनेट; डॉ. शाइन कुमार, निदेशक, निफ़हाट; डॉ. सिजो पी. वर्गीस, क्षेत्रीय निदेशक, एफएसआई, कोचीन; उद्घाटन समारोह के दौरान भाकृअनुप-एनबीएफजीआर, कोच्चि के पीएजीआर केन्द्र के प्रमुख, डॉ. टी.टी. अजित कुमार, एफएसआई और एनबीएफजीआर के वैज्ञानिक उपस्थित रहे।
डॉ. जेया भास्करन ने मछली वर्गीकरण के महत्व तथा देश के मत्स्य संसाधनों का दस्तावेजीकरण करने वाले कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
डॉ. सरकार ने एकीकृत वर्गीकरण के महत्व एवं प्रायद्वीपीय समुद्री जल से संबन्धित संस्थान से मूल्यवान समुद्री मत्स्य संसाधनों तथा मौजूदा नई प्रजातियों को सूचीबद्ध करने में इसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दी।
कार्यशाला में देश भर के विभिन्न अनुसंधान और शैक्षणिक संगठनों के लगभग 45 प्रतिभागियों ने शिरकत की।
(स्रोत: राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ)
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