शीत जल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय, भीमताल के वैज्ञानिक दल ने श्री अशोकतरू बारत, प्रमुख वैज्ञानिक के नेतृत्व में स्नोट्राऊट प्रजाति में ग्लिसरोल फॉस्फेट डिहाइड्रोजिनेस (जीपीडीएच) जीन की पहचान करके इसका लक्षणवर्णन किया है। ज्यादा ऊंचाई पर स्थित हिमालयी नदियों में अति शीत परिस्थितियों के विरूद्ध यह जीन सुरक्षा प्रदान करता है। उच्च तापमान (15 0 से.) के मुकाबले कम तापमान (50 से.) पर यह जीन स्तर 19 गुना होकर सुरक्षा प्रदान करता है और मछली की मांसपेशियों में इसका स्तर अत्यधिक हो जाता है। जीनस स्काइजोथेरेक्स की सहजेनेरिक प्रजातियों में जीपीडीएच के प्रोफाइल में पाया गया कि GPDH cDNA एस. रिचार्डसोनई में अधिकतम और एस. इसोसिनस में निम्नतम था जिससे विभिन्न भूगौलिक परिस्थितियों में इसके प्रजाति विशेष में पाये जाने का संकेत मिलता है। ये अनुसंधान नतीजे मॉलिक्यूलर बायोलोजी रिपोर्ट (DOI 10.1007/s11033-012-1980-6) में प्रकाशित किये गये हैं। राष्ट्रीय कृषि नवोन्मेष प्रायोजना (एनएआईपी-आईसीएआर) के प्रोजेक्ट ‘बायोप्रोस्पेक्टिंग ऑफ जीन्स एंड एलील माइनिंग फॉर एबायोटिक स्ट्रैस टॉलरेन्स‘ द्वारा इस कार्य को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान की गयी है।
प्रजाति |
एकत्रण स्थल |
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डल झील, कश्मीर |
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डल झील, कश्मीर |
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कोसी नदी, रतिघाट क्षेत्र (उत्तराखण्ड) |
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