18 सितंबर 2023, गोवा
'इंडिगो बार्ब' (पेठिया सेटनाई) एक छोटी स्वदेशी मछली है जो गोवा और कर्नाटक राज्यों के पश्चिम की ओर प्रवाहित होने वाली नदियों में पाई जाती है। इसका व्यापार, अंतर्राष्ट्रीय सजावटी मछली व्यापार द्वारा किया जाता है, लेकिन इसके निवास स्थान पर अनियमित एक्वेरियम व्यापार, पर्यटन, शहरीकरण तथा प्रदूषण के दबाव ने खतरा उत्पन्न किया है। इसलिए कैप्टिव प्रजनन और लोकप्रचार, जगली संकलन को संरक्षित करने तथा उस पर निर्भरता कम करने की रणनीतियां हैं।
कैप्टिव प्रजनन तकनीक केरल मत्स्य पालन और महासागर अध्ययन विश्वविद्यालय, कोच्चि तथा भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा द्वारा विकसित की गई थी।
इस प्रजाति को इनडोर एवं आउटडोर प्रणालियों में हार्मोन प्रेरण के साथ और उसके बिना कैप्टिव प्रजनन से पैदा किया गया था और लार्वा को मिश्रित जोप्लैंक्टोन संवर्धन द्वारा विकसित किया गया था। साथ ही इंडिगो बार्ब के बीज उत्पादन पद्धति के पैकेज, गोवा के साथ-साथ देश के अन्य क्षेत्रों के स्थानीय समुदायों को वैकल्पिक आजीविका के अवसर प्रदान करेगा।
प्रो. डेसी सी. कप्पन, विस्तार निदेशक और केयूएफओएस के प्रभारी रजिस्ट्रार द्वारा भाकृअनुप-सीसीएआरआई के निदेशक, डॉ. परवीन कुमार को केयूएफओएस की हैचरी में उत्पादित बीज सौंपे गए।
डॉ. परवीन कुमार ने उल्लेख किया कि केयूएफओएस के साथ अनुसंधान एवं सहयोग भारत के तटीय क्षेत्र के किसानों/ मछुआरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए मत्स्य पालन प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में सहायक सिद्ध होगा।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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