श्री राम नाथ ठाकुर ने भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी, देहरादून की समीक्षा की

श्री राम नाथ ठाकुर ने भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी, देहरादून की समीक्षा की

5 जनवरी, 2025, हरिद्वार

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, श्री राम नाथ ठाकुर ने आज यहां भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून के निदेशक एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की तथा संस्थान की अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों की समीक्षा की।

श्री ठाकुर ने किसानों और कृषक समुदायों को सहायता प्रदान करने में संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने वैज्ञानिकों से किसानों की आवश्यकताओं को पूरा करने और उनकी समृद्धि बढ़ाने में सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया। मंत्री ने क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर पशुधन, मछली पालन, सब्जी की खेती तथा फसल उत्पादन सहित कृषि पद्धतियों में विविधता लाने पर जोर दिया। उन्होंने बेहतर फसल किस्मों को विकसित करने, उत्पादन बढ़ाने तथा देश भर के किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए संस्थान के संसाधनों के कुशल उपयोग पर भी जोर दिया।

भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी के निदेशक, डॉ. मधु ने संस्थान की प्रमुख गतिविधियों और उपलब्धियों का अवलोकन किया। उन्होंने मृदा एवं जल संरक्षण (एसडब्ल्यूसी) प्रौद्योगिकियों तथा प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन से संबंधित तकनीकी परामर्श, प्रयोगशाला सहायता एवं शैक्षणिक सेवाओं जैसी सेवाओं पर जोर दिया। उन्होंने ड्रोन के रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन (आरपीटीओ) सहित हाल के नवाचारों और पहलों पर भी प्रकाश डाला।

प्रस्तुति में संस्थान की प्रौद्योगिकियों और सेवाओं का किसानों तथा हितधारकों पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी प्रकाश डाला गया। इसमें नदी तल सामग्री (आरबीएम) निष्कर्षण के लिए परामर्श, वाटरशेड प्रबंधन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करना, वाटरशेड परियोजनाओं के प्रभाव का मूल्यांकन, और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन तथा एसडब्ल्यूसी पर डेटा के लिए एक भंडार के रख-रखाव जैसी पेशेवर सेवाओं के माध्यम से योगदान को प्रदर्शित किया गया।

विशेषज्ञों ने एसडब्लूसी प्रौद्योगिकियों, जैव-इंजीनियरिंग उपायों तथा मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन रणनीतियों पर विस्तृत जानकारी साझा की।

पिछले 2 वर्षों के दौरान संस्थान की सेवाओं से देश भर के 180 गांवों के कुल 33063 किसान लाभान्वित हुए हैं।

(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून)
 

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