2 जनवरी, 2025, कोलकाता
आज कोलकाता स्थित भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान में सतत जल प्रबंधन पर एक संवादात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में कृषि एवं जल प्रबंधन में प्रमुख चुनौतियों से निपटने, एक लचीले भविष्य के लिए नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देने हेतु भाकृअनुप तथा आईडब्ल्यूएमआई के संयुक्त दृष्टिकोण पर जोर दिया गया।
अंतर्राष्ट्रीय जल प्रबंधन संस्थान (आईडब्ल्यूएमआई) के भारत और बांग्लादेश के प्रतिनिधि, डॉ. आलोक के. सिक्का ने भाकृअनुप-आईडब्ल्यूएमआई अनुसंधान साझेदारी के लिए कार्य योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कृषि में जल उत्पादकता में सुधार, जल-संबंधी आपदा जोखिमों के प्रबंधन और क्षमता निर्माण पर ध्यान केन्द्रित किया। डॉ. सिक्का ने टिकाऊ जल प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देने और कृषि और जल प्रणालियों में परिवर्तनकारी अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग के महत्व पर जोर दिया।
भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता के निदेशक, डॉ. प्रदीप डे ने जोन-5 की विविध कृषि-पारिस्थितिकी और केवीके की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में बहुमूल्य जानकारी साझा की। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कृषि और पशुधन प्रणालियों को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया तथा केवीके को लचीलापन एवं नवाचार के स्तंभों में बदलने में भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का समन्वयन संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.पी. पाल और डॉ. एस.के. मंडल ने किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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