14 सितंबर, 2023, कोझिकोड
भाकृअनुप-भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर) और इंडियन सोसाइटी फॉर स्पाइसेस (आईएसएस), कोझिकोड, केरल ने आज भाकृअनुप-आईआईएसआर, क्षेत्रीय स्टेशन, अप्पांगला, मदिकेरी, कर्नाटक में "टिकाऊ विधि से मसाला उत्पादन के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टिकोण" पर एक किसान संगोष्ठी का आयोजन किया।
प्रो. अशोक एस. अलूर, कुलपति, कोडागु विश्वविद्यालय, कुशलनगर, कोडागु जिला, कर्नाटक ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने विश्व अर्थव्यवस्था में भारतीय मसालों की वैश्विक बाजार में उपस्थिति और इसकी पहचान को बढ़ावा देने के लिए मसालों के गुवत्ता बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों के लाभ के लिए भाकृअनुप-आईआईएसआर द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
डॉ. आर. दिनेश, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएसआर, कोझिकोड ने बैठक की अध्यक्षता की और सतत विकास के लिए देश में मसाला उत्पादन की समग्र गुणवत्ता में सुधार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने मसालों की खेती में नवीन प्रौद्योगिकियों और नई किस्मों को अपनाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
डॉ. के. कांडियानन, प्रधान वैज्ञानिक, भाकृअनुप-आईआईएसआर और अध्यक्ष, आईएसएस ने मसालों की खेती के मानकों को बढ़ाने और सुरक्षित मसाले के उत्पादन को सुनिश्चित करने में आईएसएस के इतिहास और समाज के प्रयासों की जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान, आईआईएसआर चंद्रा नामक काली मिर्च की एक उच्च उपज देने वाली संकर प्रजाति का अनावरण किया गया। आईएसएस द्वारा एक ई-न्यूज़लेटर और एक ई-मैनुअल जिसमें सेमिनार व्याख्यान नोट्स और आईएसएस से एक पत्र भी जारी किया गया।
सेमिनार में काली मिर्च, इलायची और अदरक की उन्नत किस्मों, उत्पादन और पौध संरक्षण प्रौद्योगिकियों में हालिया प्रगति के विषयों पर चर्चा की गई।
इस कार्यक्रम में कर्नाटक और केरल के विभिन्न क्षेत्रों से कुल 150 किसानों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान, कोझिकोड)
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