7 सितम्बर, 2023, रायपुर
तिलहन फसलों में जैविक तनाव प्रबंधन पर एक विचार-मंथन सत्र आज भाकृअनुप-राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान (एनआईबीएसएम), रायपुर द्वारा भाकृअनुप-भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के सहयोग से भाकृअनुप-एनआईबीएसएम में आयोजित किया गया है।
डॉ. पी.के. घोष ने बताया कि देश में तिलहन की कम उत्पादकता के लिए जैविक तनाव एक प्रमुख कारक है और 40 प्रतिशत तक नुकसान कीटों, बीमारियों और खरपतवारों के कारण होता है। उन्होंने भारत में तिलहन उत्पादन बढ़ाने के महत्व और बढ़ी हुई उत्पादकता के साथ तिलहन में किसान-अनुकूल जलवायु-लचीला प्रौद्योगिकियों के विकास की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
डॉ. आर.के. भाकृअनुप-भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान के निदेशक, माथुर ने तिलहन फसलों में जैविक तनाव प्रबंधन के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए एक रोडमैप विकसित करने के लिए विचार-मंथन के महत्व पर जोर दिया।
महत्वपूर्ण शोध योग्य मुद्दों पर चर्चा की गई जिसके द्वारा अवधारणा नोट्स विकसित किए जाएंगे और सहयोगात्मक शोध कार्य शुरू किया जाएगा।
भाकृअनुप-एनआईबीएसएम, भाकृअनुप-आईआईओआर और आईजीकेवी के संयुक्त निदेशकों और वैज्ञानिकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान, रायपुर)
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