29 अगस्त 2023, अशोकनगर, उत्तर 24 परगना
दुनिया की हेरिटेज डेल्टा सुंदरवन ब्लॉक के तटीय लवणीय निचली भूमि में जलवायु अनुकूल मॉडल ‘आईएफएस’ को बढ़ावा देने वाले आरकेवीवाई-आरएएफटीएएआर वित्त पोषित मेगा-प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन के लिए भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), कोलकाता और केवीके अशोकनगर, उत्तर 24 परगना के बीच एक इंटरैक्टिव बैठक आयोजित की गई। यह परियोजना खरीफ से पहले और बाद में परती भूमि, कम उपज देने वाली धान की किस्मों के प्रतिस्थापन और रबी/ गर्मी के दौरान मीठे पानी की कमी का समाधान करेगी।
डॉ. अमिताव बंद्योपाध्याय, पूर्व राष्ट्रीय समन्वयक, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान कोष (एनएएसएफ), भाकृअनुप ने कृषि-मौसम संबंधी मानदंडों के बारे में प्राथमिक डेटा एकत्र करने और पिछले वर्ष की फसल के साथ परियोजना के परिणामों की तुलना करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने मिट्टी के मापदंडों के परीक्षण, कार्बनिक पदार्थ के आकलन और खोदे गए एवं वंचित गए खेतों तथा जल निकायों की मिट्टी की लवणता के बारे में बात की।
कार्य बिंदुओं में, परित्यक्त तालाब से गाद निकालना और भूजल संचयन किए बिना दूसरी एवं तीसरी फसल के लिए संग्रहित वर्षा जल का उपयोग करना, धान की नर्सरी तैयार करना, तालाब के पानी पर बत्तख पालन करना, तालाब के बांध पर साल भर सब्जियों की खेती तथा तालाब के ऊपर बेलदार सब्जियों की उचाई पर खेती और जलवायु के अनुकूल मछली पालन करना आदि शामिल था।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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