उन्नत किस्मों की वास्तविक रोपण सामग्री की अनुपलब्धता, विशेष रूप से वृक्षारोपण फसलों के उत्पादकता व उनके सुधार में एक बड़ी अड़चन के रूप में माना जाता है। अक्सर निजी नर्सरी ऐसी स्थिति का लाभ उठाते हुए उचित लेबलिंग के माध्यम से बिना किसी गुणवत्ता आश्वासन के नकली रोपण सामग्री बेचते हैं।


विशेष रूप से बारहमासी बागवानी फसलों के महत्त्व और रोपण सामग्री प्रदान करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार राष्ट्रीय बागवानी मिशन के माध्यम से नर्सरी की मान्यता के कार्यक्रम को लागू कर रही है। हालाँकि, ऐसे मान्यता प्राप्त नर्सरियों से भी आपूर्ति की जाने वाली रोपण सामग्री की वास्तविकता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कोई तंत्र नहीं है। निजी नर्सरियों द्वारा बेची जाने वाली निम्न गुणवत्ता की रोपण सामग्री की खरीद के कारण कई किसानों को भारी वित्तीय नुकसान होता है। त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोडित रोपण सामग्री का महत्त्व इस तरह की कमियों को दूर करने में मदद करता है।
क्यूआर कोड ग्राहकों और अन्य व्यक्तियों को जानकारी प्रदान करने के सबसे आसान तरीकों में से एक है, जो उन्हें ऑप्टिकल रीडर की मदद से कोड को स्कैन करने के साथ मूल्यवान डेटा प्राप्त करने की अनुमति देता है। सुरक्षा सुनिश्चित करने या धोखाधड़ी जैसे लेबलिंग से बचने के लिए पासवर्ड से सुरक्षित क्यूआर कोड केवल अधिकृत लोगों को संबंधित जानकारी साझा करने की अनुमति देता है।
भाकृअनुप-केंद्रीय रोपण फसल अनुसंधान संस्थान, कासरगोड़ पिछले तीन वर्षों से क्यूआर कोडित नारियल के बीज वितरित कर रहा है। भाकृअनुप-केंरोफअसं के प्रतीक वाले 4.0 सेमी x 2.5 सेमी आकार के लेबल वाटरप्रूफ लैमिनेटेड (परत चढ़ा हुआ जलरोधक) होते हैं। एक तरफ किस्म का और दूसरी तरफ क्यूआर कोड का नाम अंकित रहता है। लेबल एक विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडी) के साथ आता है।
क्यूआर कोड का उपयोग कैसे करें?
चरण - 1: अपने फोन में क्यूआर कोड स्कैनर ऐप खोलें।
चरण - 2: फोन को 2-3 सेकंड के लिए स्थिर रखें, उस क्यूआर कोड की ओर जिसे आप स्कैन करना चाहते हैं।
चरण - 3: कोड स्कैन होने के बाद आपको भाकृअनुप-केंरोफअसं के वेबसाइट पर पहुँचने हेतु एक लिंक खोलने के लिए निर्देशित किया जाएगा। वेबसाइट में आपको पास कोड दर्ज करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
चरण - 4: पास कोड दर्ज करें।
पास कोड दर्ज करने के बाद (लेबल के दूसरी तरफ अंकित अद्वितीय अल्फ़ान्यूमेरिकल कोड), ऐप अंकुर की विशिष्टता और वास्तविकता को प्रदर्शित करेगा। जैसे कि 'आपके द्वारा दर्ज की गई विशिष्ट पहचान संख्या प्रामाणिक है'। आपके द्वारा सत्यापित नारियल का अंकुर (किस्म का संबंधित नाम) है। यह पहला प्रमाणीकरण प्रयास है।
इसके साथ ही ऐप अपनाई जाने वाली किस्मों और खेती के तरीकों का विवरण भी प्रदर्शित करेगा।
दूसरी बार, पहले प्रमाणीकरण प्रयास की जानकारी को इंगित करते हुए प्रदर्शित नहीं किया जाएगा कि विशेष लेबल पहले ही स्कैन किया जा चुका है।
क्यूआर कोडित लेबल रोपण सामग्री (कलाम/अंकुरित/उत्तक संवर्धन/ वानस्पतिक उत्पादित) को बारहमासी फसलों जैसे रोपण फसलों, फलों की फसलों और वाणिज्यिक फसलों में लेबल करने के उद्देश्य से इस्तेमाल किया जा सकता है। यह नारियल में क्यूआर कोड लेबलिंग तकनीक के सफल कार्यान्वयन का एक उदाहरण है, जिसे अन्य फसलों में भी दोहराया जा सकता है। यदि बड़ी संख्या में क्यूआर कोडेड लेबल तैयार किए जाते हैं तो प्रति कोड लागत 4.00 रुपए से 4.50 रुपए के बीच होगी।
फल/वृक्षारोपण फसलों की रोपण सामग्री की भारी लागत को देखते हुए (जो कहीं भी 200 रुपए से 400 रुपए के बीच होती है) गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु यह लागत उस सामग्री को प्रमाणित करने के लिए काम करेगी जिसमें ग्राहकों द्वारा संयमी पौध के वितरण की पहचान की जा सकती है।
(स्रोत: भाकृअनुप-केंरोफअसं, क्षेत्रीय स्टेशन, कयामकुलम और भाकृअनुप-केंरोफअसं, कासरगोड़, केरल)
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