8 मार्च, 2024, कोलकाता
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता ने पूर्वी भारत में कृषक समुदाय के जमीनी स्तर तक 'कृषि विज्ञान केन्द्रों’ के माध्यम से 2022 से प्राकृतिक खेती की पहुंच' नामक एक प्रमुख परियोजना के तहत प्राकृतिक खेती की शुरुआत की, जिसमें ओडिशा, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप के 34 केवीके शामिल हैं।
भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता में प्राकृतिक खेती परियोजना के प्रधान वैज्ञानिक और नोडल वैज्ञानिक, डॉ. अविजीत हलदर ने कूच बिहार तथा उत्तर दिनाजपुर में केवीके वैज्ञानिकों से मुलाकात की और उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के कुमारगंग ब्लॉक तथा उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा ब्लॉक में किसानों के साथ बातचीत की।
खेती की कम लागत, कम कीट और बीमारी के संक्रमण के जोखिम एवं जैविक, स्वादिष्ट तथा गुणवत्ता वाली सब्जियों के उत्पादन के कारण किसानों की प्राकृतिक कृषि पद्धतियों में रुचि बढ़ रही है। वे चाय बागानों में रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों के स्थान पर प्राकृतिक जैव-इनपुट का उपयोग कर रहे हैं।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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