भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, अनुसंधान केंद्र, कोच्चि ने सीआईएफआरआई एचडीपीई सीआरपीएस (क्लाइमेट-रेसिलिएंट पेन सिस्टम) में ब्लैक क्लैम, विलोरिटा साइप्रिनोइड्स की संस्कृति का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया और केरल के अलाप्पुझा जिले के थायक्टुसेरी गांव के वेम्बनाड झील में स्थापित और अनुकूलित किया गया। संस्थान ने निक्रा परियोजना के तहत 25 फरवरी, 2022 को क्लैम की कटाई की। पेन को ब्लैक क्लैम्स के साथ थाइकाट्टुसरी ब्लैक क्लैम इंडस्ट्रियल को-ऑपरेटिव सोसाइटी के सहयोग से स्थापित और स्टॉक किया गया था, जिसमें इसके सदस्य के रूप में लगभग 1,200 सक्रिय मत्स्य पालक थे।
सीआरपीएस को जंगली एकत्रित क्लैम सीड्स (टीएल: 1 सेमी; औसत वजन: 1 ग्राम) के साथ 2.9 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर की दर से 160 वर्ग मीटर के पेन में कुल 460 किलोग्राम क्लैम सीड्स का स्टॉक किया गया जिसमें लगभग 3 टन फसल की उम्मीद है। फसल की पूरी कटाई 25 फरवरी, 2022 को की गई जिसमें 4.89 टन उपज तथा लगभग 85,000 रु की किमत प्राप्त हुई।
क्लैम्स ने 40 ग्राम का औसत अंतिम वजन हासिल किया। महिलाओं और पुरुषों के क्लैम कलेक्टरों ने फसल कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस तकनीक के सफल प्रदर्शन ने साबित कर दिया कि क्लैम संस्कृति को वैकल्पिक आजीविका विकल्प के रूप में या वेम्बनाड झील से जुड़े अंतर्देशीय खुले पानी के मछुआरों के लिए आजीविका विकल्प के रूप में अपनाया जा सकता है।
(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, कोलकाता)
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