विजयी परियोजना प्रस्तावों की तैयारी पर विशेष संगोष्ठी आयोजित

विजयी परियोजना प्रस्तावों की तैयारी पर विशेष संगोष्ठी आयोजित

20 अक्टूबर, 2023, देहरादून

भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून ने वैज्ञानिकों और अनुसंधान पेशेवरों के लाभ के लिए आज "ट्रांस-डिसिप्लिनरी अनुसंधान क्षेत्रों में विजयी परियोजना प्रस्तावों की तैयारी पर विशेष संगोष्ठी" का आयोजन किया।

Special Seminar on Preparation of Winning Project Proposals

आईआईएसडब्ल्यूसी के निदेशक, डॉ. एम. मधु ने संस्थान की गतिविधियों, उपलब्धियों, भविष्य की योजनाओं और अनुसंधान हितों के बारे में बात की। संसाधन संरक्षण, मिट्टी और जल संरक्षण अनुसंधान तथा विकास पर संस्थान के राष्ट्रीय जनादेश का हवाला देते हुए, उन्होंने खेती, पर्यावरण एवं सामाजिक परिवर्तन की महत्वपूर्ण समस्याओं से निपटने के लिए सहयोगात्मक और बहु-अनुशासनात्मक अनुसंधान प्रस्तावों का आह्वान किया।

डॉ. एम. मुरुगानंदम, प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख (पीएमई एवं केएम यूनिट) ने बताया कि सत्र ने अनुसंधान प्रस्ताव को सफलतापूर्वक प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न कौशल तथा आवश्यक समझ की पहचान की। यह नई परियोजनाओं और फंडिंग एजेंसियों का प्रस्ताव देने में वैज्ञानिकों तथा अनुसंधान पेशेवरों के लिए बहुत उपयोगी था।

एमएनआईटी, जयपुर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर, डॉ. अखिलेंद्र भूषण गुप्ता ने अपने 40 वर्षों के अनुभव और केस स्टडीज के संदर्भ के आधार पर सफल परियोजना एवं प्रस्तावों के लिए विशेष सेमिनार प्रस्तुत किया। उन्होंने स्पष्टता और नवीनता वाले विचारों की पहचान करने के महत्व की जानकारी दी, जिन्हें वैज्ञानिक रूप से सिद्ध किया जा सकता है और सामाजिक और पर्यावरणीय लाभों के लिए वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने के लिए प्रौद्योगिकियों, उत्पादों तथा प्रक्रियाओं के विकास के लिए उपयोग किया जा सकता है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि महिला शोधकर्ताओं को अधिक से अधिक सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने विभिन्न फंडिंग स्रोतों और उनकी आवश्यकताओं और फंडिंग की सीमाओं के बारे में जानकारी दी।

सेमिनार में कुल 25 वैज्ञानिकों ने शारीरिक रूप से भाग लिया और लगभग 40 वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया और संसाधन व्यक्ति के साथ ऑनलाइन बातचीत की।

(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून)

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