29-31 अगस्त 2023, बेंगलुरु
भारत की जी20 प्रेसीडेंसी के तत्वावधान में, 29-31 अगस्त, 2023 के दौरान बैंगलोर में शोभा करंदलाजे, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने ‘एक स्वास्थ्य: चुनौतियाँ और अवसर’ पर आयोजित जी20 तकनीकी कार्यशाला का उद्घाटन किया। मंत्री ने विश्वव्यापी सहयोग के माध्यम से कोविड-19 महामारी पर जीत और भारत द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का हालिया उदाहरण को उद्धृत करते हुए मानव स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य क्षेत्र में सहायता तंत्र की आवश्यकता को व्यक्त किया।
इस अवसर पर, डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक, (भाकृअनुप) और डॉ. जॉयकृष्ण जेना, उप-महानिदेशक (मत्स्य पालन एवं पशु विज्ञान) तथा अध्यक्ष, जी20 उपस्थित थे।
कार्यशाला में सात जी20 देशों अर्थात् ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, इटली, सऊदी अरब, यूके और यूएसए ने भाग लिया तथा ओमान को कार्यशाला में आमंत्रित किया गया था। कार्यशाला में देश के प्रतिनिधित्व के अलावा अंतर्राष्ट्रीय संगठन एफएओ, डब्ल्यूएचओ और आईएलआरआई के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। भारतीय भागीदारी में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप), कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के विशेषज्ञ तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय शामिल थे।
कार्यशाला के एजेंडे को एक स्वास्थ्य विवरण के उभरते क्षेत्रों के आधार पर चार तकनीकी सत्रों में विभाजित किया गया था। तकनीकी सत्रों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं तथा विशेषज्ञ द्वारा विचार-विमर्श के साथ-साथ देश के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत हुई।
सभी तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता, डॉ. जेना के साथ-साथ डॉ. राघवेंद्र भट्ट, निदेशक, भाकृअनुप-एनआईएएनपी, बेंगलुरु, स्थानीय आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं डॉ. विकास मंडल, सहायक महानिदेशक (आईआर), भाकृअनुप नई दिल्ली के द्वारा की गई।
कार्यशाला विभिन्न डोमेन से बहुपक्षीय सहयोग की आवश्यकता के साथ उभरी, जैसे- एक परिवार, एक पृथ्वी और एक भविष्य के भारतीय जी20 थीम तथा एक स्वास्थ्य उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए मानव, पशु, पौधे और पर्यावरण की देखभाल आदि। कई क्षेत्रों में स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए जलीय एवं पौधों के स्वास्थ्य, चिकित्सा कर्मियों, पर्यावरण वैज्ञानिकों और सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों से जुड़े हितधारकों के बीच अंतःविषय सहयोग को बढ़ावा देने के साथ संपन्न हुई।
(स्रोत: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल न्यूट्रिशन एंड फिजियोलॉजी, बेंगलुरु)
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