व्यवसाय में बौद्धिक संपदा की भूमिका के लिए संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन

व्यवसाय में बौद्धिक संपदा की भूमिका के लिए संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन

11 मार्च, 2024, मुंबई

अपने शताब्दी समारोह के एक भाग के रूप में, भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई ने 'व्यवसाय में बौद्धिक संपदा की भूमिका: पेटेंट, ट्रेडमार्क और कॉपीराइट' पर एक संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला को संस्थान के प्रौद्योगिकी प्रबंधन इकाई और संस्थान के एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर द्वारा डिजाइन किया गया था।

Sensitization Workshop on the Role of Intellectual Property in Business

श्री आशुतोष प्रचंड, आईपी विशेषज्ञ, नॉटीएलपी, पुणे ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वैज्ञानिकों/ नवप्रवर्तन को अपने नवाचारों को केवल आईपी सुरक्षा/ पेटेंटिंग के बजाय व्यावसायीकरण में ले जाने के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने आईपी अधिकारों की बुनियादी बातों और विभिन्न प्रकार के आईपी अधिकारों पर जोर दिया। श्री प्रचंड ने व्यावसायीकरण अनुदान प्राप्त करने के बाद बौद्धिक संपदा की प्रक्रिया पर चर्चा की तथा नाइन-विडो नवाचार सोच पद्धति की विस्तृत व्याख्या प्रस्तुत की।

कार्यक्रम के दौरान, डॉ. एस.के. शुक्ला, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईआरसीओटी, मुंबई और डॉ. नीरू भूषण, सहायक महानिदेशक, बौद्धिक संपदा एवं प्रौद्योगिकी प्रबंधन, भाकृअनुप भी उपस्थित रहे।

संस्थान के वैज्ञानिकों-तकनीकी-प्रशासनिक अधिकारियों, एसआरएफ, वाईपी, छात्रों, स्टार्ट-अप, इनक्यूबेट्स तथा संस्थान से जुड़े अन्य हितधारकों सहित लगभग 90 प्रतिभागियों ने हाइब्रिड मोड में इस कार्यक्रम में भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई)

×