22 जून, 203, बीकानेर
भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर ने आज यहां 'विश्व उष्ट्र दिवस' मनाया। इस अवसर पर कैमल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में उष्ट्र उत्पाद प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी के साथ-साथ उष्ट्र सजावट प्रतियोगिता एवं उष्ट्र दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 'उष्ट्र पालन और आजीविका सुरक्षा के सामाजिक-आर्थिक पहलुओं' पर एक "हितधारक बैठक" आयोजित की गई और इसमें उष्ट्र पालकों, किसानों, उद्यमियों, छात्रों और आम जनता/ पर्यटकों ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि, श्री राजीव श्रीवास्तव, मण्डल रेल प्रबंधक, बीकानेर जोन ने कहा कि उष्ट्र राजस्थान का गौरव है तथा ऐसे आयोजनों से उष्ट्र पालकों को सीधा लाभ होता है।
विशिष्ट अतिथि, राजस्थान राज्य पर्यटन के उप निदेशक, श्री अनिल राठौड़ ने इस यादगार अवसर तथा अपने मूल क्षेत्र में उष्ट्र के गौरव को वापस लाने के लिए एनआरसीसी की पहल की सराहना की।
मुख्य अतिथि, "स्टेकहोल्डर्स मीट", डॉ. टी.के. गहलोत, राजुवास के पूर्व प्रधान, बीकानेर ने उष्ट्रों की संख्या में गिरावट पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने उष्ट्र पर्यटन के महत्व और मानव स्वास्थ्य के लिए उष्ट्र के दूध के उपयोग पर जोर दिया।
विशिष्ट अतिथि डॉ. आर.के. धुरिया, निदेशक विस्तार, राजूवास, बीकानेर ने उष्ट्र पालन के क्षेत्र में उष्ट्र पालन तथा उष्ट्र को डेयरी पशु के रूप में एकीकृत खेती की आवश्यकता व्यक्त की।
विशिष्ट अतिथि, श्री देवांश, प्रबंधक, परियोजना प्रबंधन एजेंसी, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार ने विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
भाकृअनुप-एनआरसीसी के निदेशक, डॉ. अर्तबंधु साहू ने उद्यमियों और पशुपालकों से उष्ट्र पालन से जुड़े लाभदायक उद्यम शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि औषधीय गुणों के कारण मादा उष्ट्र के दूध में उद्यमिता की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि उष्ट्र पर्यावरण-पर्यटन से आजीविका की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं क्योंकि उष्ट्र महोत्सव राजस्थान में पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।
इस अवसर पर विभिन्न उद्यमियों द्वारा उष्ट्र से संबंधित उत्पादों का भी प्रदर्शन किया गया।
(स्रोत: भाकगृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर)
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