16 जनवरी, 2025, गोवा
भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पुराने गोवा ने आज अमेरिका के मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी (एमएसयू) के पादप, मृदा और सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. लिसा टाईमैन के साथ एक आकर्षक बातचीत बैठक का आयोजन किया।
बैठक में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन एवं मृदा अनुसंधान में भाकृअनुप-सीसीएआरआई की उपलब्धियों पर प्रस्तुतियां शामिल थीं, साथ ही डॉ. टिएमैन की मृदा जीव विज्ञान और स्थिरता में इसके योगदान, विशेष रूप से नाइट्रोजन चक्र में अंतर्दृष्टि भी शामिल थी। चर्चाओं में सहयोगात्मक अनुसंधान के लिए संभावित क्षेत्रों की खोज की गई, जैसे कि प्राकृतिक खेती में सूक्ष्मजीवी अनुप्रयोग, फॉस्फोरस उपयोग दक्षता में वृद्धि, हरी खाद, बायोचार संशोधन तथा मृदा स्वास्थ्य में सुधार के लिए अभिनव रणनीतियां शामिल थी।
डॉ. टिएमैन ने भाकृअनुप-सीसीएआरआई में कई शोध और नवाचार इकाइयों का दौरा किया, जिसमें पशुधन अपशिष्ट मूल्य निर्धारण प्रणाली (एलडब्ल्यूवीएस), जलोपचार इकाई तथा वर्मीकंपोस्टिंग इकाई शामिल है, जिसने संधारणीय कृषि में संस्थान के प्रयासों को प्रदर्शित किया। नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित परियोजना के तहत खज़ान भूमि का एक क्षेत्रीय दौरा, सूक्ष्मजीव संवर्धन एवं हरी खाद के माध्यम से मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाने के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है साथ ही इन अद्वितीय पारिस्थितिकी प्रणालियों की बहाली के लिए नीति कार्रवाई को प्रभावित करने हेतु साइट की क्षमता को उजागर करता है।
श्री सिद्धार्थ मराठे और श्रीमती प्रांजलि वाडेकर के तकनीकी सहयोग से डॉ. गोपाल रामदास महाजन और डॉ. सुजीत देसाई ने कार्यक्रम का समन्वय किया।
कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, विषय वस्तु विशेषज्ञों, तकनीकी अधिकारियों और अनुसंधान कर्मचारियों सहित कुल 25 प्रतिभागियों ने शिरकत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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