केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' की तैयारी अंतिम चरण में

केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' की तैयारी अंतिम चरण में

श्री शिवराज सिंह चौहान ने दिशानिर्देशन कार्यक्रम के माध्यम से देश भर के कृषि वैज्ञानिकों से संवाद किया।

आजादी के बाद पहली बार सरकार किसानों से सीधे जुड़ने की बड़ी पहल कर रही है।

"खेती मेरी हर सांस में बसती है और किसान मेरे रोम रोम में बसते हैं" - श्री शिवराज सिंह चौहान

राष्ट्रव्यापी 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' एक परिणाम उन्मुखी कार्यक्रम है - श्री शिवराज सिंह चौहान

मोदी सरकार में कृषि अनुसंधान के लिए धन की कमी नहीं होगी - श्री शिवराज सिंह चौहान

हमारे कृषि संस्थानों में वह ताकत है जिसे पूरा विश्व पहचानेगा - श्री शिवराज सिंह चौहान

29 मई से 12 जून तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी अभियान में लगभग 1.5 करोड़ (15 मिलियन) किसानों से सीधे संपर्क किया जाएगा।

24 मई, 2025, नई दिल्ली

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं।

इस राष्ट्रव्यापी अभियान की औपचारिक शुरुआत 29 मई को ओडिशा के पुरी की पावन धरती से की जाएगी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस व्यापक पहल की योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने में पूरी तरह से जुटे हुए हैं। इन तैयारियों के तहत श्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली के एनएएससी कॉम्प्लेक्स में देश भर के कृषि वैज्ञानिकों को संबोधित किया।

Preparations for ‘Viksit Krishi Sankalp Abhiyan’ in Final Stages under the Union Minister Shri Shivraj Singh Chouhan’s Leadership

अपने संबोधन में श्री चौहान ने कहा कि “उनका जीवन किसानों की सेवा, कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने, उत्पादन लागत को कम करने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, राष्ट्र के खाद्य भंडार को भरने तथा भावी पीढ़ियों के कृषि हितों की रक्षा के लिए समर्पित है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उर्वरकों का संतुलित उपयोग, स्थानीय परिस्थितियों को समझना, सटीक अनुसंधान अंतर्दृष्टि का उपयोग करना तथा गुणवत्ता वाले बीजों तक पहुंच, निस्संदेह किसानों को उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर सकती है।

सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए श्री चौहान ने कहा कि यह अभियान वैज्ञानिकों, विभागीय अधिकारियों और किसानों को जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लंबे समय से संभव नहीं हो पाया है। उन्होंने आगे कहा कि, "खेती दिल और भावना का मामला है और इसे जीना चाहिए।“

उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और आश्वासन दिया कि अनुसंधान एवं नवाचार के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी। विकसित कृषि संकल्प अभियान को परिणामोन्मुखी पहल बताते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इसके परिणाम आगामी खरीफ सीजन में ही पैदावार में वृद्धि और लागत में कमी के रूप में दिखाई देंगे।

Preparations for ‘Viksit Krishi Sankalp Abhiyan’ in Final Stages under the Union Minister Shri Shivraj Singh Chouhan’s Leadership

मंत्री ने देश के वैज्ञानिकों से वैश्विक मंच पर अपनी शोध क्षमताओं को प्रदर्शित करने का आग्रह किया और कहा कि भारत के कृषि संस्थानों में वह ताकत और उत्कृष्टता है जो वैश्विक मान्यता प्राप्त कर सकती है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों के समर्पण की सराहना की और कहा कि इस अभियान के सफल समापन के बाद राष्ट्र उनके प्रति आभार व्यक्त करेगा।

इस सत्र में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव, श्री देवेश चतुर्वेदी, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव एवं महानिदेशक, श्री एम.एल. जाट, भाकृअनुप के उप-महानिदेशक (कृषि विस्तार), डॉ. राजबीर सिंह, सभी 113 भाकृअनुप संस्थानों के प्रतिनिधि, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, तथा 731 कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) और विभिन्न केन्द्रीय एवं राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों एवं संकाय सदस्यों ने व्यक्तिगत रूप से और वर्चुअल माध्यम से सक्रिय भागीदारी की।

Preparations for ‘Viksit Krishi Sankalp Abhiyan’ in Final Stages under the Union Minister Shri Shivraj Singh Chouhan’s Leadership

श्री चतुर्वेदी ने कहा कि भारत में 210 मिलियन हैक्टर शुद्ध फसल क्षेत्र है। उत्पादकता में प्रति हैक्टर एक क्विंटल की मामूली वृद्धि से भी समग्र कृषि उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि हो सकती है।

कार्यक्रम के उद्देश्य पर बोलते हुए, डॉ. जाट ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह अभियान कृषि दक्षता बढ़ाने के लिए मांग-आधारित अनुसंधान को बढ़ावा देगा। इसका उद्देश्य समावेशी एवं सतत विकास के लिए किसान-नेतृत्व वाले नवाचारों को बढ़ावा देते हुए अनुसंधान और क्षेत्र अनुप्रयोग के बीच की खाई को पाटना है। डॉ. जाट ने कहा कि आपूर्ति-आधारित अनुसंधान का युग बीत चुका है, और अब मांग-आधारित अनुसंधान पर ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत है। उन्होंने आगे बताया कि कृषि अनुसंधान की अपनी भाषा होती है, और  चुनौती इसे व्यावहारिक, वैज्ञानिक शब्दों में अनुवाद करने में होती है जिसे अंतिम उपयोगकर्ताओं तक प्रभावी ढंग से पहुँचाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम सभी हितधारकों के सामूहिक और समन्वित प्रयासों के माध्यम से उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

Preparations for ‘Viksit Krishi Sankalp Abhiyan’ in Final Stages under the Union Minister Shri Shivraj Singh Chouhan’s Leadership

विकसित कृषि संकल्प अभियान 29 मई से 12 जून, 2025 तक 700 से अधिक जिलों में आयोजित किया जाएगा। वैज्ञानिकों की टीम गांव-गांव जाकर किसानों से सीधे संवाद करेगी। इस अभियान में 731 केवीके, 113 भाकृअनुप संस्थान, राज्य स्तरीय विभाग तथा कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन के अधिकारी तथा नवोन्मेषी किसान शामिल होंगे। इस अभियान का उद्देश्य देश भर के 1.5 करोड़ (15 मिलियन) किसानों तक पहुंचना और उनसे सीधे संवाद करना है।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद, निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि ज्ञान प्रबंधन निदेशालय, नई दिल्ली)

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