National Grape Summit 2025 organized

National Grape Summit 2025 organized

5 मार्च, 2025, पुणे

बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (बीसीसीएंडआई) और भाकृअनुप-नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर ग्रेप्स (भाकृअनुप-एनआरसीजी) ने वैश्विक बाजार में भारतीय अंगूरों को बढ़ावा देने और अंगूर और वाइन पर्यटन को लोकप्रिय बनाने के लिए पुणे में राष्ट्रीय अंगूर शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन और अंगूर के बागों के दौरे में नीति निर्माताओं, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, व्यापारियों और किसानों ने भाग लिया और संबोधित किया।
 

 

शिखर सम्मेलन का उद्घाटन भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के सचिव, डॉ. सुब्रत गुप्ता, भाकृअनुप-एनआरसीजी के निदेशक, डॉ. कौशिक बनर्जी, बीसीसीएंडआई की राष्ट्रीय कृषि-बागवानी-खाद्य प्रसंस्करण तथा ग्रामीण विकास समिति के अध्यक्ष, श्री जयंत चक्रवर्ती, बीसीसीएंडआई के महानिदेशक, श्री सुभोदीप घोष, बायर, दक्षिण एशिया के अध्यक्ष श्री साइमन विबुश तथा बीएएसएफ के अनुसंधान एवं विकास प्रमुख, डॉ. नीलांजन सान्याल ने किया।

 

डॉ. सुब्रत गुप्ता, सचिव (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय) ने विटी-पर्यटन, भारत के गैर-परंपरागत क्षेत्रों में अंगूर विस्तार कार्यक्रम की सफलता तथा भाकृअनुप-एनआरसीजी की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

भाकृअनुप-एनआरसीजी के निदेशक, डॉ. कौशिक बनर्जी ने अंगूर अनुसंधान और टिकाऊ अंगूर की खेती में भाकृअनुप-एनआरसीजी के योगदान पर प्रकाश डाला।

शिखर सम्मेलन में नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, किसानों तथा उद्योग के नेताओं सहित अंगूर उद्योग के प्रमुख हितधारक एकत्रित हुए।
शिखर सम्मेलन में जी.ए.पी., बाजार समझ, मूल्य-संवर्धित उत्पाद विपणन तथा अंगूर की खेती में प्रगति पर पैनल चर्चा हुई, जिसमें सरकार, कृषि व्यवसाय तथा निर्यात क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भाग लिया।

एक महत्वपूर्ण क्षण राष्ट्रीय रेफरल प्रयोगशालाओं के तकनीकी बुलेटिन का विमोचन था, जिसका शीर्षक था "अंगूर में एनआरएल की कीटनाशक अवशेषों की निगरानी के 20 साल का जश्न: विकास, सफलता एवं प्रभाव की यात्रा", जिसमें अंगूर उत्पादन और व्यापार सुविधा में प्रगति पर जोर दिया गया। इस कार्यक्रम में भारत के अंगूर उद्योग तथा वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में अनुसंधान-संचालित नवाचारों के महत्व को रेखांकित किया गया।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र, पुणे)

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